बुधवार को पटना का सर्कुलर रोड राजनीतिक गरमी से तप रहा था। सत्‍ता का दो प्रमुख केंद्र सेवन सीआर और टेन सीआर इसी रोड पर है। इस कारण यह रोड ऐसे भी राजनीतिक तपिस झेलते रहता है। बुधवार को राजद-जदयू-कांग्रेस का साझा प्रेस कॉन्‍फ्रेंस था, सो देश भर का ध्‍यान इसी रोड पर अटक गया था।nnn

वीरेंद्र यादव

 

पीसी की डुगडुगी बच चुकी थी। मीडिया का हूजुम भी दरवाजे पर जमा था। हम भी सीएम आवास के बाहर साइकिल लगाकर दरवाजे की ओर बढ़ रहे थे कि दरवाजा खुल गया। सुशासन के ‘राज दरबार’ में पहुंचने के लिए मीडिया वाले दौड़े। सीट लुटने की होड़ थी। हम भी एक सीट लूट लिए। मंच के ठीक पास, जहां फोटो लेना और लिखना दोनों आसान था। पीसी में लालू यादव व नीतीश कुमार के साथ कांग्रेस के बिहार प्रभारी सीपी जोशी भी मौजूद थे। पत्रकारों में पीसी के विषय को लेकर उतसुकता थी। संवाद का सिलसिला नीतीश कुमार ने शुरू किया। सीट बंटवारे को लेकर कयासों का पटाक्षेप करते हुए सीट शेयरिंग का फार्मूला जारी किया। 100 +100 +40 = महागठबंधन।

 

लालू यादव का मीडिया पर हमला

नीतीश कुमार के बाद लालू यादव व सीपी जोशी ने अपनी बात रखी और नीतीश कुमार के हां में हां मिलाया। इसके बाद पत्रकारों के सवालों का क्रम शुरू हुआ। प्रश्‍न वही जंगलराज से यादव राज तक। लालू यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीकृष्‍ण को अपमानित कर यदुवंशियों को अपमानित किया है। इसी क्रम में एक सवाल पर लालू यादव उखड़ गए। लालू ने कहा- आप जो बोल रहे हैं न, झा जी। हम समझ रहे हैं। आप जो सूई दे रहे हैं, इसका कोई असर होने वाला नहीं है। आप अखिलेश सिंह और वशिष्‍ट भाई को डराने चाहते हैं। इसी क्रम में एक सवाल नीतीश के डीएनए से जुड़ा हुआ आया। नीतीश ने कहा- आप भाजपा के प्रतिनिधि हैं। कुछ सवाल उनसे पूछिए। इस बीच सवाल पूछने में पत्रकार उलझने लगे। तब तक लालू यादव ने कहा- आप लोग एकता बनाए रखिए। एक अन्‍य सवाल पर नीतीश कुमार ने कहा- अभी आप सपरिए रहे थे। पप्‍पू यादव की चर्चा करते हुए लालू ने कहा- जिसको हम निकाल दिए हैं, उसको सब डिबेट में बैठाता है। सवालों की झड़ी लगने पर नीतीश ने कहा- जबरदस्‍ती घीसल रिकार्ड काहे ला बजा रहे हैं। बीच-बीच में लालू यादव भाजपा नेता और पत्रकारों की नकल उतार कर पीसी की ताजगी बनाए हुए थे।unnamed (4)

 

नाश्‍ते की होड़

पीसी खत्‍म होने के बाद नाश्‍ता का दौर चला। किसिम-किसिम की मिठाई। नमकीन भी। नाश्‍ते के लिए लगी लाइन। हमने दनादन कुछ तस्‍वीर लीं और प्‍लेट लेकर लाइन में लग गए। या कहें कि बे-लाइन लग गए। हम प्‍लेट भर कर आगे बढ़े थे कि सामने सीएम हाजिर थे। एक अच्‍छी तस्‍वीर बन सकती थी। लेकिन हाथ टंड़ा गया था। तब तक सीएम आगे निकल चुके थे। हम अपनी तस्‍वीर खींचवाने के लिए व्‍यक्ति की तलाश कर रहे थे कि सामने प्रणय प्रियंवद सामने नजर आए। हमने उनसे अपनी फोटो खिंचवायी। फिर हमारी नजर सीएम को तलाशने लगी। वह भीड़ से बाहर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। हमने प्रणय से सीएम की तस्‍वीर लेने का आग्रह किया। नाश्‍ता के बाद भीड़ भी छंटने लगी। सीएम की ‘बंगला वापसी’ हो चुकी थी। कुछ प्रवक्‍ता लोग मीडिया वालों के साथ चर्चा करते नजर आ रहे थे। हमने भी प्रवक्‍ता निहोरा जी को धन्‍यवाद दिया और बाहर निकल लिए।

By Editor