2009 में मनरेगा के करिश्मा ने कांग्रेस की नैया पार लगायी थी, 2014 के चुनाव में उसे कैश ट्रांस्फर स्कीम का भरोसा है. इसके लिए उसे कुछ चुनिंदा नौकरशाहों पर भरोसा है उनमें से एक हैं सिंधुश्री खुल्लर.

अनिता गौतम

आईएएस सिंधुश्री 31 मार्च को रिटायर कर रही हैं पर यूपीए सरकार को उन पर कितना भरोसा है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्हें एक अप्रैल से कॉंन्ट्रेक्ट पर रखा जायेगा.

सिंधुश्री: कांग्रेस को करिश्मा की उम्मीद

खुल्लर फिलहाल योजना आयोग की सचिव हैं और अब उन्हें डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांस्फर स्कीम( डीबीटी) की मिशन डायरेक्टर की विशेष जिम्मेदारी दी जायेगी.

डीबीटी स्कीम के बारे में कहा जाता है कि यह यूपीए का एक ड्रीम प्रोजेक्ट है जो 2014 लोकसभा चुनावों में जीत का रामबाण साबित हो सकता है. इस स्कीम के तहत गरीबों के बैंक अकाउंट में सीधी रकम पहुंचा दी जायेगी. केंद्र सरकार को भरोसा है कि 2009 में उसे मनरेगा योजना से जिस तरह करोड़ों गरीबों को आकर्षित किया ठीक उसी तरह डीबीटी स्कीम से करोड़ों गरीबों को लाभ पहुंचा कर वोट लिया जा सकता है.

ऐसे में इस ड्रीम प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी खुल्लर को दी जा रही है.

खुल्लर 1975 बैच की आईएएस अधिकारी है. और वह अपने करियर के दौरान जहां भी, जिस महकमे भी रही अपना छाप छोड़ा है. दिल्ली की परिवहन सचिव के बतौर उन्होंने डीजल से चलने वाली डीटीसी बसों के बेड़े को सीएनजी में परिवर्तित करने में अहम भूमिका निभाई थी. उस दौर में अदालत ने दिल्ली सरकार को आदेश दिया था कि प्रदूषण से मुक्ति के लिए तमाम बसों को सीएनजी से चलाया जाये. इसी के बाद दिल्ली सरकार के पास सीएनजी बसों का दुनिया का सबसे बड़ा बेड़ा रखने का गौरव मिला.

इसके अलावा कॉमन वेल्थ गेम से जुड़े चुनौतिपूर्ण प्रोजेक्ट को भी उन्होंने बखूबी अंजाम दिया था. खुल्लर पिछले एक साल से योजना आयोग से जुड़ी हैं और डारेक्ट कैश ट्रांस्फर योजना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हैं. ऐसे में नौकरशाही के गलियारे से लेकर राजनीतिक नेतृत्व तक में उनकी योग्यता पर भरोसा है.

सिंधुश्री खुल्लर ने 1972 में दिल्ली के श्रीराम कॉलेज से अंग्रेजी साहित्य में बीए किया था. इसके बाद उन्होंने समाज शास्त्र में जवाहरलाल नेहरू विश्विद्यालय से एमए किया. सिंधुश्री ने अमेरिका के बोस्टन विश्वविद्यालय से भी पढ़ाई की और 1985 में डेवलपमेंटल इकॉनोमिक्स में भी एमए किया. इतना ही नहीं उन्होंने 1991 में पब्लिक एडमिन्सट्रेशन विषय में हारवर्ड विश्विद्यालय से भी एमए किया.

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