संविधान निर्माता डा. भीमराव अम्बेडकर के पौत्र व राज्य सभा के पूर्व सांसद डा. प्रकाश यशवंत अम्बेडकर ने पटना के रबीन्द्र भवन में आयोजित “संविधान बचाओ, आरक्षण बचाओ” सम्मलेन में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि अगर हमें सही मायनों में आज़ादी चाहिए तो दलितों और पिछड़ों की समाज में जगह सुरक्षित करनी होगी। गांधीजी भी यही चाहते थे।unnamed (10)

 

उन्‍होंने कहा कि आरएसएस हमेशा से आरक्षण हटाने को प्रयासरत रहा है। मौजूदा केंद्र सरकार आरएसएस की विचारधारा को मानती आई है, जिसका मकसद है संविधान को बदलना। हम जिस दलदल से बाहर निकल के आये हैं, आरएसएस वाले हमें उसी दलदल में वापिस ले जाना चाहते हैं। ये लोग चाहते हैं कि जब 2019 के लोक सभा चुनाव हों, तो आरक्षण ही महत्त्वपूर्ण मुद्दा बनाया जाये, पर उन्हें याद होना चाहिए कि यह बाबा साहब का बनाया हुआ संविधान है, आरएसएस और भाजपा का बनाया हुआ संविधान नहीं। ऐसे समय में यह आवश्यक है कि हम इन लोगों का विरोध करें।

 

श्री अंबेदकर ने संघ प्रमुख मोहन भागवत के दिए गए बयान को खारिज करें और जो भी आरक्षण का विरोध करता है उसे दिखा दें कि हम में कितनी ताकत है। अगर हम किसी ऐसे उम्मीदवार या पार्टी को जिताते हैं जो कि आरक्षण के विरुद्ध हैं तो इसका तात्पर्य होगा कि हम भी आरक्षण के विरोधी हैं। अतः, वोट तो आरक्षण के पक्ष में ही करना होगा। इस मौके पर बिहार के दलित, महादलित, पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग के लोग प्रकाश अंबेदकर के नेतृत्व में हो रहे इस सम्मलेन में उनके समर्थन के लिए उपस्थित थे। इस समारोह में अरुण मांझी, विद्यानंद बिकल, हुलेश मांझी, मनीष कुमार, डा. संजय वाल्मीकि, अशोक भारती, उदय नारायण चौधरी, जी.पी. दोहरे और हरिकेश्वर राम भी उपस्थित थे।

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