केंद्र सरकार ने आरक्षण के सत्यानाश की अपनी चाल चल दी है. मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने देश के तमाम केंद्रीय विश्वविद्यालयों को एक पत्र लिख कर स्पष्ट हिदायत दी है कि ओबीसी वर्ग के लोगों को एसोसियट प्रोफेसर और फ्रोफेस के पदों पर आरक्षण न दिया जाये. यह पत्र 3 जून 2016 को जारी किया गया है.IMG_5449
 
 
यह पत्र आज लालू प्ररसाद ने पत्रकारों को दिखाया. लालू ने कहा आरक्षण के खिलाफ मनुवादी सोच की साजिश संघ रचने लगा है. लालू ने कहा कि इससे हालात बिगड़ेंगे और इसकी जिम्मदार केंद्र सरकार होगी.
 
लालू ने दोहराया की भागवत और मोदी के गुरू गोलवालकर के बंच ऑफ थाट से यह देश नहीं चलेगा, अम्बेडकर के थाट से चलेगा. लालू ने कहा कि अवलंब इस सर्कूलोर को वापस लिया जाये नहीं पूरे देश में उग्र आंदोलन चलाया जायेगा और इस से अगर हालात बिगड़ते हैं तो इसकी जिम्मेदार केंध्र सरकार होगी.
लालू ने कहा कि पिछड़ों और दलितों को मिलने वाला  आरक्षण  कोई भीख नहीं है बल्कि यह हजारों साल के मनुवादी शोषण का वैज्ञानिक उपचार है. इसलिए हम इस के खिलाफ किसी भी साजिश को बरदाश्त नहीं कर सकते.
लालू ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस की और कहा कि इस सर्कुलर को जल्द से जल्द वापस लिया जाये. उन्होंने कहा कि मोहन भागवत और गोलवालकर के दिलत और पिछड़ा विरोधी साजिश का भांडा फूट गया है.
उन्होंने कहा कि आज उन लोगों ने पिछड़ों के आरक्षण को खत्म किया है और आने वाले दिनों में वे दलितों के आरक्षण को भी खत्म कर देंगे. इसलिए दलितों और पिछड़ों को एक साथ आ कर इस लड़ाई को लड़ने की जरूरत है.

By Editor