केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 500 रुपए और 1000 रुपए के नोटों को बदलने की योजना को सही करार देते हुए आज कहा कि ईमानदार लोगों को इस पर गर्व है और तकलीफों के बावजूद आम तौर पर इसे स्वीकार किया जा रहा है । श्री जेटली ने नई दिल्‍ली में आर्थिक संपादकों के सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि सरकार की समस्त योजनाओं का मकसद आम लोगों की तकलीफों को दूर करना है। सरकार के सभी निर्णय और नीतियों को इसी अनुरूप बनाया और लागू किया जा सकता है। 

The Union Minister for Finance and Corporate Affairs, Shri Arun Jaitley delivering the inaugural address at the Economic Editors’ Conference-2016, organised by the Press Information Bureau, in New Delhi on November 10, 2016. 	The Minister of State for Finance and Corporate Affairs, Shri Arjun Ram Meghwal and the Director General (M&C), Press Information Bureau, Shri A.P. Frank Noronha are also seen.

 
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था अब काले धन का बोझ सहन करने की स्थिति में हैं और इसके लिए ईमानदारी से काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि देश के विकास के लिए ईमानदार, समग्र और नैतिक आचरण की आवश्यकता है। उच्च क्षमता वाले नोट बदलने के कदम को उन्होंने सही ठहराते हुए कहा कि 500 रुपए और 1000 रुपए के नोटों को बदलने की जरुरत बहुत दिनों से महसूस की जा रही थी। सरकार के इस कदम से जाली नोटों और काले धन पर रोक लगेगी। उन्होंने कहा कि सरकार के इस कदम से केवल गलत तरीकों से जुटाई रकम के मालिकों को तकलीफ होगी।

 

श्री जेटली ने कहा कि 500 रुपए और 1000 रुपए के पुराने नोट रद्द करने की योजना से प्रत्येक ईमानदार व्यक्ति ने खुशी जाहिर की है। इससे पता लगता है कि ईमानदारी को सम्मान मिलता है। उन्होंने कहा कि सरकार के इस कदम से ईमानदार लोग गर्व महसूस कर रहे हैं। नोट बदलने में लोगों की तकलीफों को स्वीकार करते हुए उन्होंने कहा कि अगले कुछ दिनों में स्थिति सामान्य हो जाएगी।

By Editor