वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने आज कहा कि इस बार के आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में शराबबंदी का समाज पड़े प्रभाव और अचानक आई बाढ़ से हुये नकुसान का अलग से अध्ययन पेश किया जाएगा। श्री मोदी ने बताया कि वित्त वर्ष 2018-19 की बजट की तैयारियों की समीक्षा लगातार उच्चस्तरीय बैठकों के जरिए की जा रही है।

 

इस बार आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट (2017-18) के तहत शराबबंदी का राज्य की सामाजिक और आर्थिक स्थिति पर प्रभाव, आकस्मिक बाढ़ से हुए नुकसान, सात निश्चय, ग्रामीण विद्युतीकरण, नीम कोटेट यूरिया, डीबीटी के जरिए भुगतान का अर्थव्यवस्था पर असर जैसे कई अन्य नए विषयों पर अलग से रिपोर्ट होगी।

उप मुख्यमंत्री श्री मोदी ने कहा कि आम बजट से एक दिन पहले संसद में पेश की जाने वाली आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट की तर्ज पर बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार के गठन के बाद वर्ष 2005-06 से हर साल आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश करने की परिपाटी शुरू की गई। श्री मोदी ने कहा कि इस साल पेश होने वाली 12वीं आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में जीविका द्वारा स्वयं सहायता समूह के माध्यम से महिलाओं के सशक्तिकरण और उनकी आर्थिक स्थिति पर प्रभाव, सात निश्चय, ग्रामीण विद्युतीकरण के बाद किरासन तेल की खपत में आई कमी, नीम कोटेट यूरिया और जैविक खाद के उपयोग का प्रभाव तथा सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत लाभुकों को डीबीटी के जरिए किए जाने वाले भुगतान के असर पर भी विशेष रिपोर्ट होगी।
उप मुख्यमंत्री ने बताया कि इस साल पहली बार दो खंडों में प्रस्तुत होने वाली आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में पहला खंड टेक्सट पर आधारित तो दूसरे में आंकड़ों का विवरण होगा। उन्होने बताया कि सर्वेक्षण रिपोर्ट बिहार सरकार की संस्था आर्थिक नीति एवं लोक वित्त केन्द्र द्वारा तैयार की जा रही है।

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