भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद समेत दर्जनों लोग सांसद-विधायक सहकारी समिति से आवंटित आवासीय प्लाट का व्यावसायिक दोहन करने का आरोप लगाया. सुमो ने कहा कि लालू प्रसाद जब रेलमंत्री थे, तब से उनके प्लाट नंबर 208 में गृह मंत्रालय के सशस्त्र सीमा बल (SSB)का जोनल पे एंड अकाउंट आफिस चल रहा है और 15 साल से नियमों की धज्जियां उड़ा कर लालू प्रसाद लाखों रुपये कमा रहे हैं.

नौकरशाही डेस्‍क

उन्‍होंने कहा कि आवासीय प्लाट सरकारी जमीन पर हैं, इसलिए सहकारी समिति को भी एक से अधिक प्लाट किसी को आवंटित या हस्तांतरित करने का अधिकार नहीं है. अगर कोई व्यक्ति आवंटित प्लाट बेचना चाहता है, तो उसे अपना प्लाट नियमानुसार सहकारी समिति को सरेंडर करना होगा, ताकि आवंटन की प्रतीक्षा करने वालों को इसका लाभ दिया जा सके.

मोदी के पूछा कि जब प्लाट के लिए 200 से ज्यादा विधायक प्रतीक्षा सूची में हैं, तब बादशाह आजाद ने समिति की मिलीभगत से लालू प्रसाद के पास पहले से प्लाट रहते हुए मात्र 37 हजार रुपये में अपने प्लाट का लीज उनके नाम कैसे ट्रांसफर करा दिया ? इस लेन-देन के जरिये कालेधन को सफेद किया गया.

भाजपा नेता ने कहा कि सहकारी समिति के अध्यक्ष पद का दुरुपयोग कर जयप्रकाश यादव और स्वर्गीय राधानंदन झा ने भी एक-एक अतिरिक्त प्लाट अपने लिए आवंटित कराये. इस समिति के माध्यम से राजद और कांग्रेस के लोगों ने करोड़ों रुपये की सरकारी जमीन का बंदरबांट किया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस समिति को तत्काल भंग कर पूरे मामले की जांच करायें और सारे अवैध आवंटनों को रद करें. जो लोग आवासीय प्लाट का दुरुपयोग कर कमायी कर रहे हैं, उनसे पैसे वसूलने की कार्रवाई भी होनी चाहिए.

 

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