नौकरशाही का रुत्बा कभी-कभी ईगो के टकराव की वजह भी बन जाता है.खास कर तब जब यह टकराव दो नौकरशाहों के बीच हो तो मामला कुछ और ही मोड़ ले लेता है.राजधानी पटना में हुए कल दो नौकरशाहों के ईगो के टकराव की खबर लोगों में काफी चुस्कियों के साथ कही और सुनी जा रही है.

पटना के ट्रैफिक एसपी चंद्रिका प्रसाद की टीम ने मंगलवार को मधुबनी के एक प्रखंड के विकास पदाधिकारी उपेंद्र प्रसाद की स्कार्पियो गाड़ी को रोका.उसके शीशे पर काली फिल्म चढ़ी थी. शीशों पे काली फिल्म चढ़ाना गैरकानूनी है.जब यह बात उपेंद्र को बताई गई तो उनके ड्राइवर ने खुद ही फिल्म खुरेच कर हटाना शुरू कर दिया.पर पुलिसिया रोब कहां मानने वाला था.पुलिस के एक जवान ने फिल्म को ईंट से खुरेचना शुरू कर दिया.

बात बकझक में बदल गई.

इतने में उपेंद्र ने उन्हें बताया कि वह प्रखंड विकास पदाधिकारी हैं.इतना कहने पर ट्रैफिक एसपी का ईगो और भी जोश में आ गया. कहा-“बीडडीओ हैं तो आप गैरकानूनी काम करके बच निकलिएगा, ऐसा नहीं होगा”. लेकिन उपेंद्र की पत्नी डा. रूपम, जो एक लेक्चरारर हैं, का कुछ और कहना है. वह मौका-ए-वारदात पर थीं उन्होंने बताया कि पुलिस वालों ने उनके ड्राइवर का लाइसेंस जब्त कर लिया, तब मामला और उलझ गया.

बात आगे बढ़ी. सभी लोग सीनियर एसपी अमृतराज तक पहुंच गये.अमृत राज ने बीडीओ साहब की गाड़ी और कागजत को वापस करने को कह दिया. और उपेंद्र वापस आने लगे.

लेकिन इतने में वह कहां शांत होने वाले थे.अब बीडीओ साहब का ईगो जोश मारने लगा.ट्रैफिक एसपी चंद्रिका प्रसाद को कहा, “देख लेंगे आपको”. फिर बात बढ़ गई. चिंद्रिका फिर जोश में आ गये.
इसी बीच बीडीओ साहब ने कहीं फोन लगाया, बात की और एसपी साहब की ओर बढ़ा दिया.एसपी ने कहा कोई हो मैं फोन पर बात नहीं करूंगा. बीडीओ ने बताया कि मधुबनी के एसपी हैं.लेकिन ट्रैफिक एसपी चंद्रिका प्रसाद ने बात नहीं की और बीडियो उपेंद्र प्रसाद की विडियोग्राफी करने लगे.स्थितियां फिर बिगड़ गईं. ईगो जो न कराये.

लेकिन कुछ ही देर में इसकी खबर सीनियर एसपी अमृतराज तक पहुंची.अमृतराज वहां पहुंचे. उन्होंने दो नौकरशाहों के ईगो के टकराव को खत्म करने की पहल शुरू की.पर ट्रैफिक एसपी के तेवर को भांपते हुए बीडीओ को फाइन किया गया.उन्होंने जुर्माने की रकम अदा की. फिर चलते बने. पर इतना जरूर कह गये कि उन्हें जब मौका मिलेगा तो बदला ले कर ही दम लेंगे.

कहते हैं पद अपने साथ ईगो लाता है.आम तौर पर इस तरह के ईगो के शिकार साधारण लोग होते हैं. पर इस बार दो नौकरशाहों का ईगो आपस में टकराया. बीडीओ साहब जिस तैश में लौटे हो सकता है उनका ईगो पूरा हर्ट कर गया होगा. यह भी हो सकता है कि वह मौके के इंतजार में हों.

पर यहां एक सवाल है- ईंट से फिल्म को खुरेच कर पुलिस का जवान क्या साबित करना चाहता था. क्या वह ऐसा करके वीडीओ के ईगो को हर्ट करना चाह रहा था.

By Editor