पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने छह हजार करोड़ के सिंथेटिक ड्रग रैकेट की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय के सहायक निदेशक निरंजन सिंह के तबादला आदेश पर आज रोक लगा दी।  न्यायालय ने यह निर्देश अधिवक्ता नवकिरन सिंह की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया। मामले की अगली सुनवाई दो फरवरी को होगी।

 

श्री सिंह अंतर्राष्ट्रीय ड्रग तस्कर एवं पंजाब के पूर्व पुलिस उपाधीक्षक जगदीश भोला ड्रग रैकेट मामले में पंजाब के राजस्व मंत्री एवं बादल परिवार के रिश्तेदार बिक्रमजीत मजीठिया के खिलाफ मनी लांडरिंग मामले की जांच कर रहे हैं। उनके विभाग ने उनका तबादला पिछले शुक्रवार को जालंधर से कोलकाता कर दिया था। उन्होंने हालांकि अपना पद नहीं छोड़ा है, क्योंकि तबादले की खबर फैलते ही मामले ने तूल पकड़ लिया और विभिन्न राजनीतिक दलों सहित कई संगठनों ने इसकी निंदा की थी।

 

ज्ञातव्य है कि भोला की गिरफ्तारी के बाद उसने श्री मजीठिया का नाम पंजाब के सबसे बड़े छह हजार करोड़ के ड्रग रैकेट मामले में लिया था। उसके बाद से उन्हें मंत्री पद से हटाये जाने की मांग की जा रही थी।  उसके बाद प्रधानमंत्री के नशीले पदार्थों के खिलाफ कड़े रूख के संदेश का असर होते ही प्रवर्तन निदेशालय ने श्री मजीठिया को ड्रग रैकेट मामले में 26 दिसंबर को समन किया था। श्री सिंह ने मजीठिया से करीब चार घंटे पूछताछ की। इससे जुड़े तीन प्रवासी भारतीय बिट्टू औलख, वीरेन्द्र राजा तथा सुखदीप सिंह सुखा से भी पूछताछ की। प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी इन तीनों को नाभा जेल से प्रोडक्शन वारंट पर जलंधर ले गये। ड्रग रैकेट मामले का पर्दाफाश 2013 में हुआ था।

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