जीएसटी से जुड़ी आईटी समस्याओं को दूर करने के लिए भारत सरकार द्वारा गठित मंत्रियों के समूह की बंगलुरू में हुई बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपमुख्यमंत्री सह वित्तमंत्री सुशील कुमार मोदी ने इंफोसिस को समय-सीमा के अंदर समस्याओं के निराकरण का निर्देश दिया. इसके साथ ही उन्होंने व्यापारियों से अपील की कि वे अगस्त महीने की संक्षिप्त विवरणी दाखिल करने के लिए अंतिम तिथि का इंजतार नहीं करें.

नौकरशाही डेस्‍क
मोदी ने कहा कि व्यापारी हर महीने की 20 तारीख का इंतजार नहीं करें, क्योंकि आखिरी दिन सिस्टम पर काफी लोड के कारण उन्हें परेशानी होती है. जीएसटीएन दुनिया का सबसे बड़ा आईटी आधारित जीएसटी नेटवर्क है. पिछले दो महीने में 22 करोड़ इन्वॉयस अपलोड हुआ है. जीएसटी के अन्तर्गत पहली बार सभी करदाताओं को पैन (PAN) के साथ आधार से भी जोड़ दिया गया है, ताकि कर वंचना पर प्रभावी रोक लग सके.

वहीं, चार घंटे तक चली मंत्री समूहों की बैठक में कर्नाटक, केरल, आन्ध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ के वित्तमंत्रियों के साथ भारत सरकार के राजस्व सचिव हसमुख अधिया, यूआईडीएआई के सीईओ अजय भूषण पाण्डेय, इंफोसिस एवं राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल रहे. बैठक में आईटी की प्रत्येक समस्या के निराकरण के लिए अलग-अलग समय सीमा तय की गई. 15 दिन बाद बंगलुरू में मंत्रियों के समूह की फिर बैठक होगी जिसमें दिए गए दिशा -निर्देशों की समीक्षा की जाएगी.

गौरतलब है कि जीएसटी के अन्तर्गत अभी तक 85 लाख व्यापारियों ने निबंधन कराया है, जिनमें 62 लाख 25 हजार पुराने व 23 लाख 18 हजार नए हैं. वहीं 75 लाख तक के टर्नओवर वाले 11 लाख व्यापारी कम्पोजिशन स्कीम में शामिल हैं. जहां जुलाई में 46 लाख व्यापारियों ने संक्षिप्त विवरणी (3 बी) दाखिल किया वहीं अगस्त का अंतिम तिथि पांच दिन शेष होने के बावजूद अभी तक मात्र 3 लाख ही दाखिल कर पाए हैं.

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