बिहार के योजना एंव विकास विभाग के प्रधान सचिव विजय प्रकाश ने मुसलसल दो घंटे तक ‘नयी हवा’ कार्यक्रम के तहत अपनी कवितायें सुनायीं.nayeehawapic

इस कार्यक्रम का आयोजन नौकरशाही डॉट इन ने पटना में के अभिलेख भवन में किया था. ‘नयी हवा’ कार्यक्रम में विजय प्रकाश ने अपनी कविता ‘एकलव्य अब पढ़ जायेगा’ सुनायी जिसमें उन्होंने विज्ञान की प्रगति के तर्क का सहारा लेते हुए कहा कि एकलव्य का अंगूठा अब जोड़ा जाना चाहिए और एकलव्य को पढ़ लेना चाहिए. इस कविता में उन्होंने अपनी पंक्तियां सुनाते हुए कहा-

अंगूठा जब जुड़ जायेगा
नया धनुर्धर बन जायेगा

सभी समीकरण उजड़ जायेगा
बना बनाया बिगड़ जायेगा…

एकलव्य अब पढ़ जायेगा

इस अवसर पर विख्यात कवि आलोक धन्वा ने विजय प्रकाश की कविताओं पर रोचक और प्रभावशाली टिप्पणी की. धन्वा ने कहा कि कविता में शैली और शब्दों का अपना महत्व तो है पर विचारों और उसकी अभिव्यक्ति का भी काफी महत्व है. उन्होंने कहा कि विजय प्रकाश ने जिन महत्वपूर्ण विचारों को अपनी कविता का हिस्सा बनाया है वह क्रांतिकारी है. इसलिए उन्होंने कहा कि सर्जरी की विकसित तकनीक के इस दौर में एकलव्य के अंगूठा को जोड़ा जाना चाहिए ताकि मौजूदा दौर के एकलव्यों को पढ़ने का अवसर मिल सके.

विजय प्रकाश ने ‘एक श्रमिक की अभिलाषा’ शीर्षक से कविता सुनायी जिसमें उन्होंने यह बताने कि कोशिश की कि ऊंची इमारतें और बड़ी सड़कों के शिलापट पर मंत्रियों, अधिकारियों, इंजिनियरों का तो नाम होता है पर उन श्रमिकों का नाम नहीं होता जिन्होंने अपना श्रम देकर निर्माण किया है. इस लिए अब बड़ी इमारतों, पुलों और सड़कों के शिलापट पर श्रमिकों का भी नाम हो ताकि उनके बच्चे गर्व से कह सकें कि इस निर्माण में उनके पूर्वजों ने योगदान किया है.

इस अवसर पर विजय प्रकाश ने “जंगल में शिक्षा” ‘मेरा परिचय’ और “अम्बेदकर से सीधा संवाद” सहित कई कवितायें सुनायीं.

इस अवसर पर नौकरशाही के कंसेप्ट और रिसोर्स के स्तर पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले और एलिट इंस्टिच्यूट के निदेशक अमरदीप झा गौतम ने नौकरशाही डॉट इन कि 16 महीने की उप्लधियों की चर्चा करते हुए कहा कि यह गर्व की बात है कि नौकरशाही डॉट इन आज ब्यूरोक्रेसी पर( हिंदी व अंग्रेजी दोनों) देश की सबसे बड़ी न्यूज वेबसाइट बन गयी है.

नयी हवा के सफल आयोजन पर नौकरशाही डॉट इन के सम्पादक इर्शादुल हक ने कार्यक्रम में शामिल होने वालों का आभार व्यक्त किया.

इस अवसर शायर कासिम खुर्शीद ने भी अपने विचार रखे.खुर्शीद ने अपने संक्षिप्त संबोधन में नौकरशाही डॉट इन के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि ऐसे आयोजनों का सिलसिला जारी रहना चाहिए. खुर्शीद ने आयोजन में शरीक लोगों के अनुरोध पर अपने कुछ शेर भी सुनाये.

By Editor