लोकपाल नियुक्ति मामले की सुनवाई करते हुए आज सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को एक्ट में ‘बिना संशोधन’ लोकपाल को नियुक्त करने को कहा. कोर्ट के मुताबिक इस एक्‍ट में बिना संशोधन के ही काम किया जा सकता है. बता दें कि संसद में लोकपाल बिल में करीब 20 संशोधन लंबित हैं. लोकपाल बिल में 2014 में संशोधन प्रस्ताव लाया गया था लेकिन स्टैंडिंग कमेटी ने एक साल ले लिया था .

नौकरशाही डेस्‍क

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार के पास इसका कोई जस्टिफिकेशन नहीं है कि इतने समय तक लोकपाल को सस्‍पेंशन में क्‍यों रखा गया है. कोर्ट ने अपने इस अहम फैसले में केंद्र सरकार को ‘बिना संशोधन’ लोकपाल को नियुक्त को कहा. इससे पहले 28 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था. केंद्र सरकार की ओर से AG मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि लोकपाल की नियुक्ति वर्तमान हालात में  संभव नहीं है. लोकपाल बिल में कई सारे संशोधन होने हैं जो संसद में लंबित हैं.

गौरतलब है कि लोकपाल की चयन समिति में प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष, विपक्ष के नेता, भारत के प्रधान न्यायाधीश या नामित सुप्रीम कोर्ट के जज और एक नामचीन हस्ती के होने का प्रावधान है.

 

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