पटना में इंजीनियरिंग व मेडिकल प्रवेश-परीक्षाओं की तैयारी करवाने वाले प्रसिद्ध संस्थान एलिट इंस्टिच्युट ने रविवार को आईआईटी और मेडिकल परीक्षाओं के पैटर्न में आये बदलाव पर जागरूकता के लिए सेमिनार का आयोजन किया.

अमरदीप झा गौतम
अमरदीप झा गौतम
इस अवसर पर एलिट इंस्टिच्युट के निदेशक अमरदीप झा गौतम ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने नीट (मेडिकल) परीक्षा को एक वर्ष के लिए टाल दिया है. ऐसे में राज्यों के मेडिकल बोर्ड अपनी परीक्षायें लेने के लिए स्वतंत्र हैं. इसलिए छात्रों को इस फैसले से विचलित होने की जरूरत नहीं है. श्री गौतम ने कहा कि अगले वर्ष से आईआईटी व मेडिकल प्रवेश के लिए राष्ट्रीय स्तर पर परीक्षायें होंगी.
 नीट का नया पैटर्न
नये पैटर्न के तहत 12वीं कक्षा में छात्रों के प्राप्तांक को आधार बना कर इंजीनियरिंग प्रवेश-परीक्षा का रिजल्ट होगा. इसी बात को ध्यान में रखते हुए उन्होंने छात्रों के लिये इंटिग्रेटेड-कोर्स की सुविधा की बात कही. संस्थान ने यह कोर्स इसीलिये तैयार किया है ताकि छात्रों को 12वीं कक्षा में अधिकतम अंक प्राप्त होने के साथ-साथ उनका चयन इंजीनियरिंग और मेडिकल काँलेजों में भी हो सके.
इस अवसर पर सेमिनार में मौजूद छात्रों ने पढ़ाई से जुड़ी अपनी समस्यायें अमरदीप झा गौतम के समक्ष रखी,जिसका लाभ बच्चों ने उठाया. सेमिनार में शिक्षाविद् डाँ अनिल कुमार राय ने अपनी बात रखते हुए छात्रों को प्रोत्साहित किया. उन्होंने बदलते परिवेश में विज्ञान के क्षेत्र में कैरियर की संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा किया. सेमिनार में पटना दूरदर्शन की रत्ना पुरकायस्थ ने छात्रों से राष्ट्र-निर्माण में खुद को लगाने की बात कहते हुए कहा कि उन्हें अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित होकर पढ़ाई करनी चाहिये. उन्होंने एलिट इंस्टिच्युट के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि संस्थान अपनी शैक्षणिक गुणवत्ता के कारण तेजी से लोकप्रिय होता जा रहा है. रत्ना पुरकायस्थ ने राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित एलिट की छात्रा निकिता को सम्मानित किया और निकिता के प्रति एलिट के योगदान की तारीफ की.
इस अवसर पर निकिता ने अपनी उपलब्धि के लिये एलिट संस्थान के योगदान की चर्चा करते हुए कहा कि संस्थान के सभी शिक्षकों और विशेषकर निदेशक अमरदीप झा गौतम ने उसके व्यक्तित्व में आत्मविश्वास जगाने में बड़ी भूमिका निभायी, जिसका परिणाम हुआ कि वह इतने बडे सम्मान को प्राप्त कर पाई.
पत्रकार सम्मानित
कार्यक्रम में संस्थान के निदेशक ने तीन पत्रकारों ;इर्शादुल हक, विनायक विजेता और पांडे अखिलेश कुमार श्रीवास्तव को सरस्वती-सम्मान 2016 से सम्मानित किया. जबकि एलिट के तीन छात्र-छात्राओं ; निकिता, सुमित सौरव और सुप्रिया स्वराज को प्रतिभा सम्मान 2016 से नवाजा गया.
इस कार्यक्रम में  पत्रकार इर्शादुल हक ने वर्तमान शिक्षा-व्यवस्था पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर अदालत और सरकार के बीच टकराव से छात्रों को मुश्किलें बढ़ जाती हैं. एलिट इंस्टिच्युट और अमरदीप झा गौतम की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि जब सरकार और अदालत के बीच शिक्षा-व्यवस्था पर विवाद हो तो ऐसे में एलिट ने छात्रों की कठिनाइयों को दूर करने का बीडा उठाकर प्रशंसनीय कार्य किया है.
कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार विनायक विजेता ने अपने विचार रखते हुए कहा कि बिहार सरकार को महाराष्ट्र सरकार की शिक्षा-नीति का अनुपालन करना चाहिए, जिससे बिहार के छात्र-छात्राओं का शैक्षणिक-विकास सुदृढ हो सके. चर्चित पत्रकार पाँडे अखिलेश कुमार श्रीवास्तव ने शिक्षा के क्षेत्र में व्याप्त बाजारवाद पर कुठाराघात करते हुए कहा कि वर्तमान समय में शिक्षा के गिरते स्तर को सम्भालने और सही दिशा देने के कारण एलिट इन्स्टिच्युट की कार्य-प्रणाली दूसरे संस्थान के लिये अनुकरणीय है.
छात्रों का अनुभव
इस अवसर पर एलिट के पूर्ववर्ती छात्र सुमित सौरभ ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए कि दसवीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद उसने एलिट में नामांकन लिया. जहां दो साल तक पढ़ाई करने के बाद उसके जीवन और कैरियर में व्यापक बदलाव आया, जिसके कारण आज वह एनआईटी इलाहाबाद तक पहुंच सका. सुमित ने कहा कि गौतम सर के मार्गदर्शन में उसे न सिर्फ विषयों की बारीक समझ आयी, बल्कि जीवन के नैतिक मूल्यों का भी पता चला. वहीं निकिता ने इस बात को स्वीकार किया कि अमरदीप झा गौतम सर ने अगर उसमें आत्मविश्वास नहीं बढ़ाया होता तो वह राष्ट्रपति के सम्मान को हासिल करने की कल्पना भी नहीं कर पाती. सुप्रिया स्वराज ने इस अवसर पर कहा कि एलिट मात्र एक कोचिंग इंस्टिच्युट ही नहीं बल्कि व्यक्तित्व के बहुआयामी विकास का केंद्र है, जहाँ अमरदीप सर जैसे शिक्षक पठन-पाठन के अलावा छात्रों में नैतिक व सामाजिक मूल्यों को संचार तो करते ही है, वह देश का एक जिम्मेदार नागरिक बनने की प्रेरणा भी देते हैं.
इस अवसर पर एलिट इंस्टिच्युट के अन्य शिक्षकों ने भी अपने विचार रखे.

By Editor