मासिक पत्रिका ‘वीरेंद्र यादव न्‍यूज’ के तत्‍वावधान में गांधी संग्रहालय में ओबीसी पत्रकारों की कार्यशाला आयोजित की गयी। इसमें कई जिलों के पत्रकार शामिल हुए और मीडिया की चुनौतियों पर विमर्श किया।

ओबीसी पत्रकारों की कार्यशाला आयोजित

सामूहिक पहचान बनाने पर दिया बल

कार्यशाला के विषय और औचित्‍य पर चर्चा करते हुए वरिष्‍ठ पत्रकार वीरेंद्र यादव ने कहा कि मीडिया के सामाजिक ढांचे में तेजी से बदलाव आ रहा है। ओबीसी पत्रकारों की संख्‍या तेजी से बढ़ रही है। सभी प्रखंड मुख्‍यालयों में दो-तीन पत्रकार ओबीसी जातियों से आते हैं। उन्‍होंने कहा कि मीडिया में भागीदारी को लेकर नजरिया बदलने की जरूरत है। मीडिया में ओबीसी की हिस्‍सेदारी बढ़ रही है और इसका स्‍वागत किया जाना चाहिए। पत्रकार लीना ने कहा कि राजनीतिक खबरों का सामाजिक सरोकार और उसको देखने का नजरिया बदलना होगा। इसके साथ ही कहा कि मीडिया में ओबीसी की संख्‍या और स्‍वीकार्यता बढ़ रही है। अजय कुमार का कहना था कि मीडिया में ओबीसी की अवधारणा उचित नहीं है। पत्रकारिता और सरकार नीतियों से चलती है। इसमें जाति की बड़ी भूमिका नहीं होती है। उन्‍होंने माना कि मीडिया और पत्रकारिता संकट के दौर से गुजर रहा है। जदयू के प्रशिक्षण प्रकोष्‍ठ के प्रदेश अध्‍यक्ष सुनील कुमार ने कहा कि ओबीसी में प्रशिक्षण और मनोबल बढ़ाने की जरूरत है। आपका आईना के संपादक डॉ राम अशीष सिंह ने कहा कि ओबीसी में लेखक और पाठक दोनों की समस्‍या है। धन्‍यवाद ज्ञापन अमरेंद्र पटेल ने किया।

इस मौके पर ई. अजय यादव, सुजीत कुमार, क्रांति यादव, राकेश यादव, रामेश्‍वर चौधरी, दुर्गेश यादव, राजकुमार पासवान, उपेंद्र यादव, कमलेश कुमार, उदयन राय, रामशीष ठाकुर, सुभाष यादव आदि ने भी अपने विचार व्‍यक्‍त किये।

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