राज्यपाल सह कुलाधिपति सत्यपाल मलिक ने कहा कि राज्य में पहली बार आयोजित हो रहे बीएड कम्बाइंड इंटरेंस टेस्ट निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो। श्री मलिक ने राजभवन में राज्य में पहली बार कल आयोजित हो रहे बीएड कम्बाइंड इंटरेंस टेस्ट की तैयारियों पर विचार के लिए हुई बैठक में कहा कि राज्य में पहली बार बीएड कम्बाइंड इंटरेंस टेस्ट का आयोजन हो रहा है, जिसे हर हालत में स्वच्छ, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण रूप में सम्पन्न कराना विश्वविद्यालय-प्रशासन, जिला प्रशासन एवं सम्बद्ध सभी अधिकारियों की सामूहिक जिम्मेवारी है।


कुलाधिपति ने कहा कि राज्य में उच्च शिक्षा के विकास के लिए व्यापक सुधार के प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन समग्र विकास के लिए यह आवश्यक है कि प्रारंभिक एवं माध्यमिक शिक्षा के सुधार-प्रयासों को भी गति प्रदान की जाये। उन्होंने कहा कि कदाचारमुक्त परीक्षा एवं पारदर्शी प्रक्रिया के तहत चयनित अभ्यर्थी वर्ग में नियमित अध्ययन कर एक बेहतर शिक्षक की सुयोग्यता लेकर बीएड कॉलेजों से निकलेंगे। बेहतर शिक्षण और प्रशिक्षण प्राप्त कर ये अभ्यर्थी उत्कृष्ट शिक्षक के रूप में अपनी सेवाएं राज्य के विद्यालयों में उपलब्ध करा सकेंगे।

श्री मलिक ने प्रमंडलीय आयुक्तों से कहा कि वे अपनी पूरी प्रशासनिक क्षमता और काबिलियत का इस्तेमाल करते हुए पूरी सख्ती के साथ सीईटी बीएड 2018 का आयोजन स्वच्छतापूर्वक सुनिश्चित करायें ताकि नामांकन के लिए सुयोग्य छात्रों के चयन के लिए पहली बार शुरू की जा रही यह व्यवस्था सफल हो सके।

इस मौके पर राज्यपाल के प्रधान सचिव विवेक कुमार सिंह ने बताया कि राज्यपाल सचिवालय के अधिकारी भी इस परीक्षा में विशेष प्रेक्षक के रूप में भेजे जा रहे हैं, जो परीक्षा-संचालन का अनुश्रवण करेंगे। उन्होंने कहा कि सभी प्रमंडलीय आयुक्त जिलों में स्थापित परीक्षा केन्द्रों पर ससमय परीक्षा-सामग्रियों के पहुंचने, संबंधित पदाधिकारियाें एवं अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति, परीक्षा-परिसरों में निषेधाज्ञा धारा-144 के कार्यान्वयन, मोबाइल सहित हर प्रकार के इलेक्ट्राॅनिक उपकरणों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध, परीक्षा कार्य में तैनात अधिकारियों, वीक्षकों के परीक्षा संबंधी मार्गदर्शन तथा उनसे संबंधित ‘माॅडल कोड आॅफ कंडक्ट’ के कार्यान्वयन आवश्यक बिंदुओं पर अपने प्रमंडल के तहत सभी जिलाधिकारियों को समुचित निदेश प्रदान करेंगे।

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