दारोगा से डीएसपी तक की यात्रा करने वाले राजेंद्र सिंह के नाम एक और पदक जुड़ गया है। समस्‍तीपुर जिले के पटौरी के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी राजेंद्र सिंह को मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को सीएम सचिवालय में आयोजित पुलिस पदक समारोह में ‘वीरता पदक’ से सम्‍मानित किया। यह पदक 2010 के लिए दिया गया है। वीरता पदक उन्‍हें दूसरी बार मिला है।rajendra

नौकरशाही ब्‍यूरो

 

पुलिस सेवा में उत्‍कृष्‍ट योगदान के लिए उन्‍हें छह बार अलग-अगल पदकों से सम्मानित किय गया है। शुक्रवार को आयोजित पदक समारोह में उनके सीने पर टंगे पांच पदक उनकी गौरवगाथा सुना रहे थे। साथ ही, उनके अदम्‍य साहस, अजेय वीरता और अक्षुण्‍ण देशभक्ति के साक्ष्‍य भी थे। इससे पहले उन्‍हें पांच पदक प्राप्‍त हो चुके हैं। उन्‍हें पहली बार 1994 में पुलिस वीरता पदक से सम्‍मानित किया गया था। उन्‍हें 1997 में सराहनीय सेवा पदक, 2002 में आंतरिक सुरक्षा पदक, वर्ष 2004 में विशिष्‍ट सेवा पदक और 2006 में राष्‍ट्रपति का पराक्रम पदक से अलंकृत किया जा चुका है। कल छठा पदक हासिल करने का गौरव उन्‍हें प्राप्‍त हुआ।rajend 1

 

अपनी विशिष्‍ट उप‍लब्धियों की चर्चा करते हुए उन्‍होंने कहा कि यह सब अपने दायित्‍व के निर्वहन में निष्‍ठा और चुनौतियों को स्‍वीकार करने का पुरस्‍कार है। पुलिस की सेवा अपनी जिंदगी को दांव पर लगाकर आमलोगों को सुरक्षा और भरोसा दिलाने की जिम्‍मेवारी है। इस बात का हमने बराबर ख्‍याल रखा। 1976 में दारोगा के रूप में उन्‍होंने अपनी सेवा की शुरुआत की थी। बाद में इंस्‍पेक्‍टर के रूप में प्रोन्‍नति पायी और 2007 में डीएसपी के पद पर पहुंचे। उन्‍होंने कहा कि आम लोगों का भरोसा ही हमारी ताकत है, ऊर्जा है, हौसला है। हम लोगों का भरोसा कायम रखेंगे।

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