राज्‍य सभा सांसद व जदयू के वरिष्‍ठ नेता शरद यादव नेता कहा कि कश्‍मीर का मामला नाजुक है. स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई है और सरकार इस स्थिति से निपटने में नाकामयाब रही है. यादव कश्मीर में एक व्यक्ति को जीप से बांधने वाले सेना के मेजर लीतुल गोगोई को आतंकवाद विरोधी अभियान में निरंतर प्रयास करने के लिए पुरस्कृत किए जाने के मामले में बोल रहे थे.

नौकरशाही डेस्‍क

सांसद ने कहा कि इस मामले की पूरी जांच होनी चाहिए. इस मामले की पूरी जांच से पहले सरकार द्वारा उठाए गए ऐसे कदम से कश्‍मीर में हालात और खराब होंगे. उल्‍लेखनीय है कि  मेजर लीतुल गोगोई को ऐसे समय में सेना प्रमुख के ‘कमेंडेशन कार्ड’ से सम्मानित किया जाना इस बात का संकेत है कि उनके खिलाफ एक कश्मीरी युवक को जीप के बोनट से बांधने के मामले में कोर्ट ऑफ इंक्वायरी में शायद उन्हें दोषी नहीं माना जाएगा.

इससे पहले भी सांसद ने कश्‍मीर की स्थिति पर चिंता जाहिर की थी. उन्‍होंने कहा था कि घाटी की स्थिति काफी गंभीर हो गई है और पिछले तीन सालों में हाथ से निकल गई है. वहां शांति लाना अब काफी चुनौतीपूर्ण है. यह आतंकवाद की चपेट में है जो पिछले 15 सालों में नहीं देखा गया. सरकार इसको नियंत्रित नहीं कर पा रही है.

सनद रहे कि शरद यादव विपक्षी दलों के समर्थन से कश्मीर में सम्मेलन आयोजित करने पर काम कर रहे हैं, जिसके लिए उन्‍होंने अभी हाल ही में कांग्रेस और वामपंथी दलों के नेताओं से मुलाकात की. इसके अलावा उन्होंने भाजपा के यशवंत सिन्हा से भी भेंट की, जो गैर सरकारी प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे जिसने कश्मीर का दौरा किया था. वहां की स्थिति पर राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करने के प्रयास के तहत उन्होंने यह मुलाकात की थी.

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