कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पार्टी के कोषाध्यक्ष अहमद पटेल को गुरुवार को उच्चतम न्यायालय से झटका लगा। शीर्ष न्यायालय ने कांग्रेस नेता से कहा है कि राज्यसभा चुनाव के संबंध में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उम्मीदवार की दायर याचिका पर उन्हें सुनवाई का सामना करना होगा।

श्री पटेल पिछले साल गुजरात से राज्यसभा के सांसद चुने गये। भाजपा उम्मीदवार बलवंत सिंह राजपूत ने उनके निर्वाचन को चुनौती देते हुए गुजरात उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी।मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की पीठ ने 26 अक्टूबर 2016 को गुजरात उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप करने से स्पष्ट इन्कार कर दिया। उच्च न्यायालय ने श्री पटेल की याचिका को खारिज करते हुए आदेश दिया था कि राजपूत के आरोपों पर सुनवाई जरूरी है। श्री पटेल ने उच्च न्यायालय के इस आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अपील की थी। पीठ ने याचिका को खारिज करते हुए कहा, “ मामले की सुनवाई होने दीजिए।”

इस चुनाव में राजपूत ने चुनाव आयोग के उस फैसले को चुनौती दी थी जिसमें दो बागी विधायकों के वोटों को अवैध करार दिया गया था। चुनाव आयोग के कांग्रेस के बागी विधायकों भोलाभाई गोहेल और राघवजी पटेल के वोट अवैध कर दिए जाने के बाद श्री पटेल राज्यसभा के लिए चुने गये थे। श्री पटेल को 45 और श्री राजपूत को 44 वोट मिले थे।

शीर्ष न्यायालय ने कहा, “ मामले से जुड़ी सभी पार्टियां मौजूद हैं, इसलिए औपचारिक तौर पर नोटिस जारी किए जाने की आवश्यकता नहीं है। याचिका पर अगली सुनवाई फरवरी में होगी और इस दौरान उच्च न्यायालय चुनावी याचिका पर सुनवाई को आगे बढ़ा सकता है।”

चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती देते हुए श्री राजपूत ने कहा था,“ यदि उन मतों को गिना जाता तो मैं पटेल को पराजित कर देता ।” श्री राजपूत का यह भी आरोप था कि श्री पटेल कांग्रेस विधायकों को चुनाव से पहले बेंगलुरु के एक रिसोर्ट में ले गये और “ वोटरों को रिश्वत” दी गयी।

By Editor