बिहार कांग्रेस अध्यक्ष एवं राज्य के शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने नरेन्द्र मोदी सरकार के केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में एसोसियेट प्रोफेसर और प्रोफेसर के पदों पर नियुक्तियों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के आरक्षण को समाप्त करने के निर्णय की कड़ी आलोचना की है । ashok

 
डॉ चौधरी ने कहा कि बिहार विधानसभा के गत चुनाव के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने आरक्षण नीति की समीक्षा करने संबंधी बयान दिया था । मोदी सरकार ने अब उस बयान की भावना के अनुरुप सबसे पहले केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में एसोसियेट प्रोफेसर और प्रोफेसर के पदों पर नियुक्तियों में ओबीसी के आरक्षण को समाप्त कर दिया है । उसकी अगली कड़ी में अनुसूचित जाति-जनजाति के लिए केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में नियुक्तियों में आरक्षण समाप्त किये जाने की योजना बन रही है ।  प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सारा देश जानता है कि मोदी सरकार संघ के दिशानिर्देश पर चलती है ।संघ प्रमुख जब आरक्षण नीति की समीक्षा करने संबंधी बयान दिया है तो यह मान लिया जाना चाहिए कि मोदी सरकार को श्री भागवत की मंशा के अनुरुप कार्रवाई करनी ही होगी ।

 
डॉ चौधरी ने कहा कि संघ संविधान को बदलना चाह रहा है। उन्होंने कहा कि देश की जनता एवं कांग्रेस संघ के इन नापाक इरादों को कभी पूरा नहीं होने देगी तथा केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में एसोसियेट प्रोफेसर और प्रोफेसर पद पर नियुक्तियों में ओबीसी के आरक्षण को समाप्त करने के मोदी सरकार के खिलाफ व्यापक आन्दोलन करेगी। गौरतलब है कि राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने भी संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया था कि मोदी सरकार केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में एसोसियेट प्रोफेसर और प्रोफेसर की नियुक्तियों में ओबीसी के लिए आरक्षण समाप्त कर दिया है । उन्होंने इसके विरोध में देशव्यापी आंदोलन करने चेतावनी दी थी ।

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