केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कालाधन मामले में सभी विदेशी खाताधारकों के नाम नहीं जाहिर करने के सरकार के फैसले का बचाव करते हुए कहा है कि अति उत्साह में बात बिगड़ भी सकती है और दूसरे देश भविष्य में सहयोग करने से मना कर सकते हैं।   श्री जेटली ने फेसबुक पर लिखा कि सरकार नाम की जानकारी हासिल करने, दोषियों को सजा दिलाने और उन्हें सार्वजनिक करने के लिए प्रतिबद्ध है। हम अतिउत्साह में दूसरे देशों के साथ संधियों का उल्लंघन नहीं करना चाहते। अन्यथा हम बाद में पछतायेंगे कि हमें अब उनका सहयोग नहीं मिल रहा।arun-jaitley

फेसबुक पर जाहिर की राय

 

श्री जेटली ने कहा  कि इस तरह के कदम से विदेशों में कालाधन रखने वालों की ही मदद होगी। अति उत्साह अदूरदर्शिता होगी। सोच समझकर काम करने से हम मामले की जड तक पहुंच सकेंगे। उल्‍लेख्‍नीय है कि   सरकार ने कल उच्चतम न्यायालय को बताया था कि वह विदेशों में खाता रखने वाले सभी लोगों के नाम सार्वजनिक नहीं कर सकती। उसके इस रूख की काफी आलोचना हुई थी।  सरकार ने उच्चतम न्यायालय में आवेदन के साथ कल 800 पन्नों का संलग्नक जमा कराया था, जिसमें उसने कहा था कि विदेशों में खाता रखने वाले लोगों की पूरी जानकारी जाहिर नहीं कर पाने की वजह यह है कि भारत के साथ दोहरे कराधान संधि करने वाले देशों ने ये जानकारियां सार्वजनिक नहीं करने का आग्रह किया है।

 

केंद्र के रवैये पर प्रहार करते हुए कांग्रेस प्रवक्‍ता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि यह न सिर्फ भाजपा सरकार की कथनी और करनी में अंतर दर्शाता है, बल्कि यह उसके दोहरे चरित्र और जनता के साथ उसकी बेईमानी को भी उजागर करता है।  श्री सिंघवी ने कहा कि जनता अब यही सोच रही है कि क्या काले धन का मुद्दा प्रधानमंत्री के लिये चुनावी मुद्दा भर था।

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