कन्नड़ साहित्यकार श्री कलबुर्गी की ‘मतांध हिंदुत्ववादी अपराधियों’ द्वारा की गई कायराना और दहशतनाक हत्या का विरोध जताते हुए ‘मोहन दास’ के लेखक उदय प्रकाश ने साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाने की घोषणा की है.

उदय प्रकाश:यह चुप रहने और छुपने का समय नहीं
उदय प्रकाश:यह चुप रहने और छुपने का समय नहीं

उन्होंने फेसबुक पेज पर इस संबंध में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए लिखा है- पिछले समय से हमारे देश में लेखकों, कलाकारों, चिंतकों और बौद्धिकों के प्रति जिस तरह का हिंसक, अपमानजनक, अवमाननापूर्ण व्यवहार लगातार हो रहा है, जिसकी ताज़ा कड़ी प्रख्यात लेखक और विचारक तथा साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित कन्नड़ साहित्यकार श्री कलबुर्गी की मतांध हिंदुत्ववादी अपराधियों द्वारा की गई कायराना और दहशतनाक हत्या है, उसने मेरे जैसे अकेले लेखक को भीतर से हिला दिया है.

 

उन्होंने लिखा है कि अब यह चुप रहने का और मुँह सिल कर सुरक्षित कहीं छुप जाने का पल नहीं है. वर्ना ये ख़तरे बढ़ते जायेंगे.
उदय प्रकाश को उनकी रचना ‘मोहन दास’ पर  2010-11 में  साहित्य अकादमी पुरस्कार प्रदान किया गया था.

 

उन्होंने लिखा है कि  मैं साहित्य अकादमी पुरस्कार को विनम्रता लेकिन सुचिंतित दृढ़ता के साथ लौटाता हूँ.
इस बीच अरुण माहेश्वरी ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि उदय प्रकाश का यह फैसला हिंदी के लेखक समुदाय के लिये एक प्रेरणादायी उदाहरण है . उन्होंने कहा लेखक पुरस्कारों में नहीं, अपने पाठकों में, पाठकों की संवेदना और चेतना में ज़िन्दा रहता है.

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