पीएम मोदी 2015 विधानसभा चुनाव के दौरान बिहार को पैकेज देने का ऐलान ऐसे कर रहे थे जैसे वह बिहार के वोटरों की बोली लगा रहे हों. ‘कितना दे दूं… बोलो 50 हजार करोड़ दे दूं? एक लाख करोड़ दे दूं? चलो सवा लाख करोड़ दिया’. फिर तालियों की गड़गड़ाहट हुई. बात खत्म. modi.jaitely

लेकिन इस घोषणा के बाद से केंद्र सरकार ने  2017-18 काअपना दूसरा बजट पेश कर दिया है. इस बजट में बिहार की रेल परियोजनाओं का जिस तरह गला दबाया गया है उससे लगता है कि केंद्र सरकार इन योजनाओं को अधूरी लटकाये रखने का मन बना चुकी है.

पिछले तीन-चार वर्ष पहले से बिहार में पचास हजार करोड़ रुपये की घोषित रेल परियोजनाओं में से दो-एक को छोड़ कर इस बार के बजट में बाकी सबको अपनी मौत आप मरने के लिए छोड़ दिया गया है. हालत यह है कि नयी रेल लाइनों के निर्माण, अमान परिवर्तन या रेल कारखाना सबको अधर में लटका देने की तैयारी कर दी गयी है. और यह काम बाजाब्ता बजट आवंटन में किया गया है. याद रहे कि इस बार रेल बजट को आम बजट का हिस्सा बना दिया गया. और इसमें जो प्रावधान किये गये हैं उसकी कुछ बानगी देखने से सारे तथ्य सामने आ जाते हैं.

ये तमाम तथ्य हिंदुस्तान अखबार ने सामने रखे हैं. उसके अनुसार कुछ वर्ष पहले बिहार-नेपाल को जोड़ने के लिए जयनगर-बिजलपुरा(नेपाल) 69 किलोमिटर लम्बी रेल लाइन बिछानी थी. 470 करोड़ की लागत वाली इस परियोजना के लिए मात्र 39 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं.

192 करोड़ कुरसेला-बिहारीगंज रेल लाइन की लागत 192 करोड़ है. इसके लिए दिये गये मात्र एक करोड़. सीतामढ़ी- निर्मली रेल लाइन की लागत 2392 करोड़ है और इसके लिए मिले हैं दो करोड़ रुपये. बिहटा-औरंगाबाद के लिे लागत है 326 करोड़ और इसके लिए दिये गये हैं दो करोड़ रुपये. इसी तरह की 18 परियोजनाओं को आवंटन के नाम पर नमक चटाने का काम किया गया है.

जबकि बिहार की तुलना में अगर झारखंड और मध्यप्रदेश जैसे भाजपा शासित राज्यों की बात करें तो साफ पता चलता है कि उन राज्यों को जी खोल कर रेल परियोजनाओं के लिए राशि आवंटित की गयी है.

आंकोड़ो को देखे तो पता चलता है कि मोदी सरकार ने झारखंड के आवंटन में 465 फीसदी इजाफा किया है तो मध्यप्रदेश के आवंटन में 750 फीसदी का इजाफा किया है. लेकिन जहां तक बिहार की बात है तो इस राज्य के आवंटन में मात्र 265 फीसदी के आवंटन का इजाफा किया गया है.

तो सवाल यह है कि पीएम मोदी ने 18 अगस्त 2015 को बिहार के मुजफ्फरपुर की चुनावी सभा में जिस तरह बिहार को उपहार देने की घोषणा के वक्त बोली लगा रहे थे. और उसके बावजूद जब बिहारियों ने भाजपा को वोट नहीं दिया तो क्या मोदी सरकार  इसका बदला बिहारी की जनता से ले रहे हैं?

By Editor