निगरानी ने चालाकी से नोटों में एक केमिकल डाला. जमुई के सिकंदरा प्रखंड के अंचल अधिकारी ने रिश्वत के नोट गिने तो उसके बाद उनका हाथ धुलवाया गया जो पल भर में लाल हो गया. बस क्या था अचंल अधिकारी दबोच लिये गये, रिश्वत लेते.IMG-20161216-WA0003

 

 

मुकेश कुमार ,पूर्वी बिहार ब्यूरो

जमुई जिले के सिकन्दरा प्रखंड में शुक्रवार  को निगरानी विभाग की टीम ने सिकन्दरा के अंचल अधिकारी धर्मेंद्र भारती को रिश्वत के रूप में  बारह हजार रुपया लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है।गिरफ्तारी के बाद निगरानी की टीम ने पटना जाने के दौरान शेखपुरा स्थित लाइन होटल पर रुकी। टीम के अलावे वादी सिकन्दरा निवासी राकेश कुमार उर्फ सोनू केशरी व सीओ धर्मेन्द्र भारती थे। जहां अंचल अधिकारी को टीम ने उनका हाथ धुलवाया और रिश्वत में लिये नोटों की पहचान करायी। इस दौरान हाथ घुलने के दौरान सारा पानी रंगीन हो गया। जिसे टीम ने संग्रहित कर साथ ले गई।टीम का नेतृत्व कर रहे डीएसपी मो.

 

जमीलुद्दीन  ने  बताया कि आर्म्स लाइसेंस के लिए सिकन्दरा के राकेश कुमार ने अपना आवेदन जिला कार्यालय को दिया था।जिसमें जिलाधिकारी के द्वारा सत्यापन हेतु सिकन्दरा थाना भेजा गया।सिकन्दरा थाना से सत्यापन के उपरांत एसडीओ जमुई के द्वारा सत्यापन हेतु अंचलाधिकारी सिकन्दरा को भेज दिया गया।

क्या थी कहानी

जब राकेश द्वारा लाइसेंस सत्यापन के लिए अंचलाधिकारी सिकन्दरा संपर्क किया तो अंचलाधिकारी ने पूरे काम होने पर 30 हजार रूपये बतौर घूस के रूप में मांग की।वहीं पहले 12 हजार रूपये की मांग की गई।इस पर राकेश द्वारा बीते 30 नवम्बर को निगरानी अन्वेषण ब्यूरो पटना में लिखित शिकायत दर्ज करायी गई।शिकायत के मद्देनजर गुरूवार को निगरानी टीम के एक धावा दल का गठन किया गया।डीएसपी निगरानी ने बताया कि गुरुवार से ही अंचलाधिकारी की पर नजर रखी जा रही थी।वहीं शुक्रवार की दोपहर अंचलाधिकारी को कार्यालय कक्ष से निगरानी के धावा दल की टीम ने 12 हजार रुपया बतौर घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।निगरानी डीएसपी ने बताया कि 2 हजार के नोट 6 पीस थे।

 

इधर आपको बता दें कि शिकायतकर्ता राकेश उर्फ़ सोनू केशरी ने इसकी लिखित शिकायत निगरानी अन्वेषन ब्यूरो दिल्ली में भी दर्ज करायी थी।ज्ञात हो कि ठीक अगले वर्ष 2 दिसंबर को निगरानी की टीम ने सिकन्दरा के मनरेगा पीओ रामकुमार को जमुई स्थित एक निजी आवास से रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था।उस मामले में गोखुला फतेहपुर पंचायत के पूर्व मुखिया योगेंद्र मंडल से योजनाओ में बिल विपत्र पारित करने में घूस की मांग की गई थी।जिसमे पूर्व मुखिया के द्वारा निगरानी अन्वेषण ब्यूरो पटना में लिखित शिकायत दर्ज कराया गया था।पिछले एक वर्ष के दौरान सिकन्दरा में निगरानी के हत्थे दो पदाधिकारियो के चढ़ने से क्षेत्र में चर्चा का बाजार गर्म है।इधर निगरानी की टीम आते ही प्रखंड सह अंचल कार्यालय में हड़कंप सी मच गई।

 

 

इस निगरानी टीम में निगरानी डीएसपी मो.जमीलुद्दीन,पुलिस निरीक्षक योगेन्द्र पासवान,महेश कुमार,ईश्वर प्रसाद,चंद्रभूषण कुमार सिंह सहित कई अन्य निगरानी टीम के पुलिस पदाधिकारी शामिल थे।

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