बिहार भाजपा के वरिष्‍ठ नेता और पूर्व उपमुख्‍यमंत्री सुशील मोदी का ग्रह खरमास के बाद कट सकता है। बिहार विधान सभा चुनाव में पराजय से उबरने के प्रयास में पार्टी जुटी  है। उसी कोशिश को आगे बढ़ाने की दिशा में भाजपा विधान मंडल दल के नेता श्री मोदी को नरेंद्र मोदी सरकार में शामिल करने पर विचार किया जा रहा है। संक्रांति के बाद केंद्रीय कैबिनेट के विस्‍तार में उन्‍हें जगह मिल सकती है। इसमें तकनीकी रूप से कोई अड़चन भी नहीं आएगी। बताया जा रहा है कि पिछले दिनों केंद्रीय वित्‍त मंत्री अरुण जेटली के आवास पर आयोजित शादी समारोह के मौके पर इस दिशा में बात आगे भी बढ़ी है।sudil 22

वीरेंद्र यादव, बिहार ब्‍यूरो प्रमुख

 

संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार, सांसद बनने की योग्‍यता रखने वाला कोई भी व्‍यक्ति केंद्र सरकार में मंत्री बन सकता है। शर्त यह है कि 6 माह के अंदर उन्‍हें संसद सदस्‍य निर्वाचित होना होगा, अन्‍यथा उनका कार्यकाल छठे महीने के आखिरी दिन स्‍वत: समाप्‍त हो जाएगा। यदि सुशील मोदी को केंद्र सरकार में मंत्री बनाया जाता है तो उन्‍हें शपथ ग्रहण के छह माह के अंदर सांसद निर्वाचित होना होगा। इस प्रक्रिया में कोई तकनीकी बाधा भी नहीं है। 7 जुलाई, 16 को राज्‍यसभा के पांच सदस्‍यों का कार्यकाल समाप्‍त हो रहा है । खरमास के बाद यानी 14 जनवरी से 7 जुलाई के बीच छह माह से कम का फासला है। इस दौरान सुमो राज्यसभा के लिए निर्वाचित हो सकते हैं।

 

विधान सभा का गणित

राज्‍यसभा की पांच सीटों के लिए सात जुलाई के पूर्व होने वाले चुनाव में जीतने के लिए एक सीट के लिए कम से कम 40 – 41 (साढ़े 40) विधायकों का वोट चाहिए। भाजपा के अपने 53 विधायक हैं। यानी एक सीट भाजपा की पक्‍की है। उस सीट से सुमो राज्‍यसभा में पहुंच सकते हैं। शेष 4 सीट महागठबंधन के खाते में जाएगी। राजद के 80 विधायक हैं। इस लिहाज से राजद की दो सीट पक्‍की मानी जा रही है। शेष दो सीटों के लिए जदयू और कांग्रेस राज्‍यसभा और विधान परिषद की सीटों पर मोलभाव कर सकते हैं। सुशील मोदी केंद्र में मंत्री रहते हुए तब तक विधान परिषद के सदस्‍य बने रह सकते हैं, जब तक संसद के लिए निर्वाचित नहीं हो जाते हैं। कोई व्‍यक्ति एक साथ विधानमंडल और संसद का सदस्‍य मात्र 14 दिनों तक रह सकता है। इस अवधि में एक सदन से उसे इस्‍तीफा दे देना होगा।

 

इनका कार्यकाल हो रहा समाप्‍त

अगले वर्ष 7 जुलाई को राज्‍यसभा की पांच सीटें खाली हो रही हैं। इन सभी सीटों पर जदयू के सांसद हैं। सात जुलाई, 2016  को शरद यादव,  आरसीपी सिंह,  केसी त्‍यागी,  गुलाम रसूल बलियावी और पवन वर्मा का कार्यकाल समाप्‍त हो रहा हैं। जदयू के इन पांच सांसदों में 4 गैरबिहारी हैं। सात जुलाई से पहले इन सीटों के लिए चुनाव अनिवार्य रूप से हो जाएगा।

By Editor