खाद्य , नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने खेसारी दाल की तीन नयी किस्मों को मानव स्वास्थ्य के लिये अनुकूल पाये जाने में मद्देनजर इनकी खेती की पूरजोर वकालत करते हुये कहा कि इससे देश में दाल का उत्पादन बढेगा और आयात में भारी कमी आयेगी । 

The Union Minister for Consumer Affairs, Food and Public Distribution, Shri Ram Vilas Paswan releasing the publication at a press conference, in New Delhi on January 21, 2016.

 
श्री पासवान ने नई दिल्‍ली में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि चिकित्सकों ने खेसारी की दाल की तीन किस्मों को मानव स्वास्थ्य के अनुकूल पाया है और यदि यह बात सही है तो इन नयी किस्मों की खेती की अनुमति दी जानी
चाहिये।  उन्होंने कहा कि खेसारी के खेती को प्रतिबंधित किये जाने के पूर्व उत्तर भारत में इसकी व्यापक पैमाने पर खेती की जाती थी और इसका भारी उत्पादन होता था । मानव स्वास्थ्य के लिये खेसारी के दाल को अनुपयुक्त पाये जाने के बाद सरकार ने इसकी खेती को प्रतिबंधित कर दिया था ।
श्री पासवान ने कहा कि उन्होंने खुद लगातार 15 वर्षो तक खेसारी की दाल को खाया था और उन्हें कोई बीमारी नहीं हुई थी । इसका दाल बेहद स्वादिष्ट होता था, जिसके कारण इससे उनका विशेष लगाव हो गया था । खेसारी के कोमल पत्तों का साग बेहद स्वादिष्ट होता था, जिसे पूरे उत्तर भारत में बडे चाव से खाया जाता था । उल्लेखनीय है कि एम्स के चिकित्सकों ने हाल में खेसारी की तीन किस्मों को मानव स्वास्थ्य के लिये उपयुक्त एवं पौष्टिक तत्वों से भरपूर पाया है ।

By Editor