यह खबर खूब प्रचारित की जा रही है कि राबड़ी देवी के आवास पर सीबीआई छापे की सूचना नीतीश कुमार को थी. लेकिन लालू यादव ने इशारों में जता ही दिया है कि उन्हें भी इसकी सूचना मिली थी.

नौकरशाही ब्यूरो, पटना

 

यह खबर पक्की है कि पीएमओ ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लालू प्रसाद के आवास पर छापेमारी की पूर्व सूचना दे दी थी. उसने ऐसा इसलिए किया था कि कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने ना पाये. इसी सूचना के बाद पटना पुलिस ने तमाम पार्टियों के दफ्तरों पर पुलिस का पहरा बिठा रखा था. पीएमओ द्वारा इस खबर को सीएम तक पहुंचाने को ले कर भाजपा यह प्रचारित कर रही है कि नीतीश कुमार को यह खबर थी कि सीबीआई लालू प्रसाद के आवास पर छापामारी करने वाली है. ऐसा प्रचारित करके भाजपा यह प्रयास कर रही है कि इससे राजद के कार्यकर्ता नीतीश कुमार के खिलाफ आक्रोशित हो जायें और उनके खिलाफ मोर्चा खोल दें. लेकिन यह अधूरी खबर है. पूरी खबर यह है कि लालू प्रसाद को भी इस छापेमारी की पूर्व से सूचना थी. इस बात का आभास तब मिल गया जब लालू पत्रकारों से बात कर रहे थे. उन्होंने पत्रकारों से कहा कि “सीबीआई ऊपर के आदेश का पालन कर रही थी. उन्होंने कहा कि मैने तेजस्वी से कह दिया था कि जब सीबीआई वाले आयें तो उन्हें उनकी गाड़ियों समें परिसर में बुला लेना. उन्हें पूरा सहयोग करना और जब वे वापस जाने लगें तो परिसर से ही उन्हें गाड़ियों में बिठा कर भेजना ताकि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित हो सके’.

 

लिहाजा  लालू को आशंका थी कि बाहर राजद समर्थकों का हुजूम होगा ऐसे में सीबीआई के लोगों की सुरक्षा चुनौती बन सकती है.  लिहाजा तेजस्वी ने ऐसा ही किया. सुबह सात बजे सीबीआई की टीम सर्च के लिए आयी तो उन्हें गाड़ियों समेत परिसर में दाखिला दिया गया और जब शाम सात बजे वापस होने लगे तो उन्हें परिसर के अंदर से ही गाड़ियों में बिठा कर भेजा गया.

लालू प्रसाद के इस बयान से स्पष्ट है कि उन्हें छापे की पूर्व सूचना थी. हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो सका कि लालू को यह सूचना किस स्रोत से मिली.

लेकिन इतना तो तय है कि लालू का यह इशारा उन लोगों को समझने के लिए था जो यह गुमराही फैलाने की कोशिश कर रहे थे कि नीतीश को इस की सूचना थी. ऐसा कहके वह लालू समर्थकों के बीच नीतीश के खिलाफ रोष बढ़ाने की कोशिश कर रहे थे. जिसे लालू ने बेअसर करने की कोशिश की. इतना ही नहीं लालू ने यह भी कहा कि गठबंधन पर कोई खतरा नहीं है. उधर सरकार की तीसरी सहयोगी पार्टी पहले ही लालू के साथ खड़ी है.

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