पटना गांधी मैदाना भगदड़ की जांच रिपोर्ट सरकार को सौंप दी गयी है.इसके लिए प्रशासनिक नाकामी को जिम्मेदार माना गया है. अब संभव है कई आईएएस-आईपीएस पर कार्रवाई  होगी.

file photo hindustan times
file photo hindustan times

इतनी बड़ी घठना के बाद 54 दिनों के अंदर जांच रिपोर्ट सौंप देने को मांझी सरकार की सफलता मानी जा रही है. अभी दो दिन पहले ही नेता प्रतिपक्ष सुशील कुमार मोदी ने एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान इस हादसे की जांच रिपोर्ट नहीं आने के कारण सरकार को घेरा था.

यह भी पढ़ें- पटना में रावण दहन के दैरान भगदड़, 33 मरे

 

पिछले 3 अक्टूबर को रावन दहन कार्यक्रम के दौरान हुई भगदड़ में 33 लोग कुचल के मर गये. जबकि 50 से ज्यादा लोग घायल हुए थे .

दैनिक भास्कर की खबर के अनुसार गृह विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी ने रिपोर्ट तैयार होने की पुष्टि की है। हालांकि उन्होंने इस बारे में कोई भी ब्योरा देने से इनकार किया.

इस घटना के बाद राज्य सराकर और पटना प्रशासन पर गंभीर सवाल उठे. इस घटना पर सरकार की किरकिरी इसलिए भी हुई कि दो साल पहले छठ के अवसर पर हुई भगदड़ में भी अनेक लोगों की जानें जा चुकी हैं. हालांकि रावन दहन हादसे के बाद राज्य सरकार ने तत्कालीन आयुक्त एन विजय लक्ष्मी, डीएम मनीष कुमार वर्मा, एसएसपी मनु महाराज को पद से हटा दिया गया ता.

इस हादसे के बाद मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के निर्देश पर सरकार ने गृह विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी और एडीजी (मुख्यालय) गुप्तेश्वर पाण्डेय की संयुक्त जांच कमेटी बनाई थी.  जांच के दौरान 67 लोगों के बयान लिए गये थे। कमेटी को रिपोर्ट तैयार करने में करीब 54 दिन लगे हैं.

इस मामले में पत्रकार विनायक विजेता ने कोर्ट में एक अपील भी दायर कर रखी है. इसके बाद अदालत ने भी सरकार से रिपोर्ट के बारे में पूछा है.
कमिश्नर, डीएम एसपी पर कार्रवाई

पटनाकी तत्कालीन कमिश्नर एन.विजय लक्ष्मी, डीआईजी अजिताभ कुमार, डीएम मनीष कुमार वर्मा और एसएसपी मनु महाराज पर कार्रवाई हो सकती है. मनु महाराज को हाल ही में राज्य सरकार ने दरभंगा का एसएसपी बनाया है.

By Editor