बिहार में आई भीषण बाढ़ को लेकर एक बार फिर गुजरात सरकार ने मदद के रूप में 5 करोड़ का चेक भेजने की घोषणा की है, जिस पर बिहार की सियासत में उबाल आ गया है. चेक की सियासत पर राजद नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को घेरा है. उन्होंने कहा है कि गुजरात सरकार नीतीश जी के जले पर नमक छिड़क रही है. वही, 5 करोड़ का चेक बिहार CM को दिया जाएगा, जिसे अहंकारवश मुख्यमंत्री जी ने वापस लौटा दिया था.

नौकरशाही डेस्क

तेजस्वी ने ट्विटर के जरिये कहा कि बिहार चुनाव नीतीश जी ने “बिहारी Vs बाहरी” के नाम पर लड़ा था. बाहरी गुज़रातियो को कहा गया था. अब उनके आगे हाथ फैला रहे है? कहाँ है अंतरात्मा? एक अन्य ट्विट में उन्होंने लिखा कि अगर अब नीतीश जी 5 करोड़ का चेक लेते है तो तब क्यों वापस किया गया? इसका जवाब देना चाहिए और साथ ही तत्कालीन गुजरात के मुख्यमंत्री मोदी जी को भी इसका जवाब देना चाहिए.

राजद नेता ने आगे कहा कि नीतीश जी उस वक़्त गुजरात के CM को बेईज्जत कर नीचा दिखाना चाहते थे और अब वर्तमान CM का चेक रिसीव कर उन्हें उनसे अच्छा साबित करना चाहते है. उन्होंने कहा कि नीतीश जी उस वक़्त BJP के साथ थे, आज भी है. तब क्या परेशानी व मजबूरी थी जो चेक नही लिया था और अब क्या परेशानी व मजबूरी है जो चेक लेना पड़ रहा है.

उल्लेखनीय है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2010 में गुजरात के तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी से बाढ़ सहायता के लिए मिली रकम मोदी को वापस कर दी थी. मोदी ने बिहार दौरे में इश्तेहार देकर प्रचार किया था कि उन्होंने बाढ में मदद की थी. जिसके बाद से ही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नाराज थे और उनका कहना था कि मदद देने के बाद इस तरह का प्रचार करना ठीक नहीं है. आखिरकार कुमार ने नरेंद्र मोदी को उनके पांच करोड़ रुपये वापस कर दिए. बता दें कि मोदी ने कोसी में 2008 में आई बाढ़ के दौरान इतने पैसे की ही मदद की थी.

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