भारतीय मनीषा के महान व्याख्याकार थे स्वामी विवेकानंद

विश्व हिन्दी संवर्द्धन समिति,भारत विकास परिषद और प्रबुद्ध हिन्दु समाज ने दोनों विभूतियों की जयंती मनाई

 सिख-पंथ के दसवें गुरु और खालसा-पंथ के संस्थापक गुरूगोविंद सिंह किसी धर्म के नहीं अत्याचारी शासन व्यवस्था के विरुद्ध थे। वे एक पराक्रमी और वलिदानी संत हीं नहीं एक महान कवि भी थे। उन्होंने साहित्य का मूल्य समझा था, इसीलिए अपने विचारों के व्यापक प्रसार के लिए साहित्य का आश्रय लिया। वे संस्कृत, फ़ारसी,ब्रज-भाषा और पंजाबी समेत अनेक भाषाओं के ज्ञाता तथा ओज और दर्शन के कवि थे। उनकी जीवन-गाथा,त्याग, वलिदान और पीड़ित मानवता के लिए सर्वस्व त्याग की महान-गाथा है। उन्होंने शब्दों से उपदेश हीं नही दिए, अपने कर्म, आचरण और वलिदान से संसार को शिक्षा दी। उनका जीवन, एक पराक्रमी और शौर्यवान महान संत की अद्वितीय कथा है।

 
यह बातें आज यहाँ पटेल नगर स्थित देव पब्लिक स्कूल में, विश्व हिन्दी संवर्द्धन समिति,भारत विकास परिषद तथा प्रबुद्ध हिन्दु समाज द्वारा संयुक्त रूप से, गुरु गोविंद सिंह जी तथा स्वामी विवेकानंद जी की जयंती पर आयोजित समारोह का उद्घाटन करते हुए, बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डा अनिल सुलभ ने कही। डा सुलभ ने स्वामी जी को स्मरण करते हुए कहा कि, विवेकानंद भारतीय मनीषा के अत्यंत तेजस्वी व्याख्याकार थे। निखिल विश्व को अपनी वक्तृता से चमत्कृत कर देना वाला वह युवा-संन्यासी भारतीय वांगमय का महान प्रवक्ता था। स्वामी जी ने, आधुनिक विश्व को भारतीय दर्शन के दिव्य प्रकाश से आलोकित किया।
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समारोह के मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि,आज हम जयंतियां तो ख़ूब मनाते हैं, पर अपने महापुरुषों के विचारों और जीवन-दर्शन को अपने आचरण में नहीं ढालते। इन दोनों हीं विभूतियों ने हमें भारत के महान विचारों को सामने रख कर हमारा मार्ग प्रशस्त किया, पर हम उस पर चल नही पाते।
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प्रो दीपक कुमार शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित इस समारोह में,डा जनार्दन सिंह,कवि बच्चा ठाकुर,ई महेंद्र शर्मा,डा अवध बिहारी जिज्ञासु,डा मनोज गोवर्द्धनपुरी,राज कुमार प्रेमी,शुभचंद्र सिन्हा,ब्रज नंदन सिंह,राम चंद्र शर्मा,सुरेश नंदन प्रसाद,अशोक कुमार सिन्हा,अजय कुमार सिंह तथा श्याम नारायण महाश्रेष्ठ ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
अतिथियों का स्वागत प्रबुद्ध हिन्दु समाज के महामंत्री आचार्य पाँचु राम ने तथा मंच का संचालन विद्यालय के प्रधानाचार्य डा दिनेश कुमार देव ने किया। राष्ट्रीय गीत’वन्दे मातरम’से आरंभ हुए इस उत्सव का समापन राष्ट्र-गान से हुआ। आरंभ में संस्था की ओर से अतिथियों को, पुष्प-हार तथा अंग-वस्त्रम देकर सम्मानित किया गया। इसके पूर्व मंचस्थ अतिथियों ने गुरु गोविंद सिंह जी तथा स्वामी विवेकानंद के चित्रों पर माल्यार्पण कर श्रद्धा-सुमन अर्पित किए

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