वैसे तो बिहार का नाम अब भी तमाम लोग सम्मान से नहीं लेते। ये उनकी सोच में खोट का नतीजा हो सकता है। पर वहां बिहार पुलिस का एक ऐसा चेहरा हैं अरविंद पांडे जो हमेशा ही ऐसे काम करते और कराते रहते हैं जिनकी वजह से उनका नाम सम्मान के साथ लिया जाता है।

अरविंद पांडेय
अरविंद पांडेय

देशपाल सिंह पंवार

वो कवि भी हैं और समाज सुधारक भी। फिलहाल दरभंगा में आई जी हैं। गणतंत्र दिवस पर उन्होंने अपने इलाके में मुगल सम्राट जहांगीर के दौर का कानून लागू कराया।

यानी फरियादियों के लिए जहांगीरी घंटा। फरियादियों को अपना दुखड़ा सुनाने के लिए अब पांडे जी के राज में ना कहीं भटकना और ना ही इंतजार करना। किसी भी थाने या अफसरों के घरों पर जाओ-घंटा बजाओ-दुखड़ा सुनाओ-न्याय पाओ।

क्या यूपी या कानपुर पुलिस ऐसा कुछ करेगी? उम्मीद तो कम है। फिर भी अगर ऐसा किया तो यकीनन सराहना ही मिलेगी। क्योंकि न्याय भले ही आसानी से मिल जाए पर दारोगा से लेकर ऊपर तक मिलना एवरेस्ट पर पताका फहराने के समान है।

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