लालू अपने पुराने अंदाज में हैं. ठेंठ गंवई. छपरा यूं तो भोजपुरी का गढ़ है ही सो लालू अपनी मातृ भाषा में न बोलें यह कैसे हो सकता है और जाहिर है कि सामने मौजूद 6-7 हजार की भीड़ उन पर मोहित है.IMG_0461

इर्शादुल हक, छपरा से

चिलचिलाती धूप की दोपहरी में गुरुवार को सारण लोकसभा क्षेत्र के मढौरा में लालू अपनी चुनावी रैली को सन 77 की लहर बताते हैं औ मौजूदा स्थितियों को सन 47 के हालात की संज्ञा देते हैं.

77 यानी जनता पार्टी जैसी लहर, लालू के पक्ष में, और सन 47 मतलब साम्प्रदायिक शक्तियों द्वारा देश तोड़ने का कुप्रयास. लालू बोलते हैं हम सन 47 की स्थितियां नहीं आने देंगे क्योंकि लोगों की लहर हमारे पक्ष में है. वह कहते हैं ( भाजपा वाले) घर-घर मोदी, जनता कहती है धर-धर मोदी.लोग ठहाके लगाते हैं और अपने दोनों हाथ खड़े करके लालू के पक्ष में नारे लगाते हैं.

भीड़ का मोविज्ञान

लालू भीड़ के मनो विज्ञान को भांप चुके होते हैं और फिर लालकृष्ण आडवाणी की रथ यात्रा को रोकने की कहानी सुनाते हुए आगे बढ़ते हैं. उन्हें पता है कि लोग क्या सुनना चाहते हैं. वह बोलते हैं आडवाणी को गिरफ्तार करने की बात हुई तो हमें डराने की कोशिश हुई कहा गया कि दंगा भड़क जायेगा. हमने कहा कि अरे हम तो अहिर नू हैं अहिर को जोश आता है तो वह किसी के दबाव में नहीं आता. फिर जोश से भीड़ भर जाती है. तब वह नीतीश तक पहुंचते हुए कहते हैं भाजपा के साथ लव मैरिज किया और 17 साल में खत्म कर दिया. फिर ठहाका.

साथ में लालू की मुस्कुराहट. लालू बोलना जारी रखते हैं. रेल मंत्री की हैसियत से छपरा में रेल पहिया कारखाना से हुए लाभ का जिक्र करते हैं. और बात पहुंचती है गरीबों के विकास की. कहते हैं कारखाना के लिए जमीन देने वाले गरीब करोड़पति हो गये पर अब नीतीश का शासनकाल में रजिस्ट्री चार्ज इतना हो चुका है कि गरीब जमीन खरीदने की बात सोच भी नहीं सकता. साम्प्रदायिकता के खतरे की बात के बाद वह पिछड़ी जातियों की समस्याओं तक पहुंचते हैं.

 

भीड़ से पूछते हैं कि लालू राज के पहले तुम्हें कोई अपनी खटिया पर बैठाता था क्या? एक स्वर में आवाज आती है ‘नहीं’. फिर जोड़ते हैं हम लोगों से तो उनका पानी भी छुआ जाता था. फिर नीतीश की चर्चा करते हैं. कहते हैं- दलित भाइयों को बांट दिया. और बेचारे पासवान भाइयों को महादलित से अलग कर दिया. “अरे पासवानों से कौन सी दुश्मनी थी जो ऐसा कर दिया”. फिर से नीतीश को घेरने का प्रयास करते हैं. ई तो हमारे पास से ही निकला है और आज दलितों को बांट दिया. पहले हमें पता होता कि यह बबूल का पेड़ है तो उसी वक्त इसकी जड़ में गर्म पानी डाल देते. फिर लोग जोश में आ जाते हैं.

आंकलन

लालू की इस रैली में राजद की एक बड़ी टीम पटना से छपरा पहुंची है. इसमें राजद नेत्री कंचन बाला, सत्य नारायण मदन और युवा नेता नशूर अजमल नूशी भी शामिल हैं. नेताओं की यह मंडली लालू के भाषण के प्रभाव का आकलन करती है. मदन और कंचन कहते हैं लालू में ऐसा उत्साह काफी दिनों बाद लौटा है. इसी बात को आगे बढ़ाते हुए युवा नेता नशूर अजमल कहते हैं- ‘लालू जी ने महसूस कर लिया है कि जनता उनके पक्ष में लौट रही है, यह उत्साह जनता के रिस्पांस के कारण लालू जी में लौटा है’.

लालू की इस सभा में सारण से पार्टी प्रत्याशी राबड़ी देवी भी संबोधित करती हैं और कहती हैं हम आपके पास आशीर्वाद लेने और देने आये हैं- युवा हमारा आशीर्वाद स्वीकार करें और बुजुर्गों हमें आशीर्वाद दें. सभा को डा. एम एजाज अली भी संबोधित करते हैं. ऑल इंडिया युनाटेड मुस्लिम मोर्चा के प्रमुख डा एम एजाज अली इस चुनावी अभियान में लालू के साथ साये की तरह चल रहे हैं.

By Editor

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