लोक जनशक्ति पार्टी के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष चिराग पासवान ने केंद्रीय मंत्री सह राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के सुप्रीमो उपेन्द्र कुशवाहा को नसीहत देते हुए आज कहा है कि वे दो नावों की सवारी करना बंद करें और किधर जाना है, वे जल्दी तय करें। चिराग नेे ये भी कहा कि वे एनडीए में रह कर अपने घटक दलों के खिलाफ नहीं बोल सकते हैं।

नौकरशाही डेस्क

चिराग ने कुशवाहा पर दवाब की राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि साथ रहकर राजग के घटकों के खिलाफ नहीं बोल सकते हैं। यह दो नावों में सवारी के जैसा है। उन्होंने ये भी कहा कि समयसीमा तय कर और प्रधानमंत्री के सिवाय किसी और से बात नहीं करने का रुख अपना कर आप दबाव की रणनीति का सहारा ले रहे हैं। उन्होंने ये भी कहा कि कुशवाहा मुख्यमंत्री के बारे में गलत बयानी कर रहे हैं, जो सही नहीं है।

मालूम हो कि भाजपा और जदयू की बढ़ती नजदीकियां रालोसपा सुप्रीमो उपेन्द्र कुशवाहा को सुहाई नहीं। उसके बाद दिल्ली में अमित शाह और नीतीश कुमार के बीच सीट शेयरिंग की खबर आने के बाद से ही कुशवाहा ने एनडीए में राजनीति को हवा दे दी है। हालांकि कुशवाहा पहले भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ बोलते रहे हैं और बिहार में एनडीए की सरकार बनने के बाद बिहार की शिक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े करते हुए रैली भी कर चुके हैं। इसके अलावा कुशवाहा की खीर वाली राजनीति भी अभी बहुत हद तक असर दिखाती नज़र आ रही है।

वहीं, कुशवाहा ने कहा है कि 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए राजग ने उनकी पार्टी को जितनी सीटों का प्रस्ताव दिया है वह ‘सम्मानजनक नहीं’ है. उन्होंने भाजपा से 30 नवंबर तक इस पर पुनर्विचार करने को कहा है.

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