उच्चतम न्यायालय ने केन्द्र सरकार को केन्द्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) में छह सप्ताह के भीतर तीन सूचना आयुक्‍तों की नियुक्ति करने के आज निर्देश दिए।  न्यायमूर्ति जे एस खेहर की अध्यक्षता वाली पीठ ने सरकार को इस निर्देश का पालन करने के लिए कहा है। अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने अदालत को बताया कि दिल्ली उच्च न्यायालय के छह नवंबर को दिए गए आदेश का कुछ हद तक पालन किया गया है।

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दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जी. रोहिणी और न्यायमूर्ति राजीव सहाय एंडलॉ की पीठ ने केन्द्र सरकार को गत वर्ष जुलाई और सितंबर में जारी की गई दो अधिसूचना के जवाब में मिले 553 आवेदनों में से छह सप्ताह के भीतर तीन सूचना आयुक्त नियुक्त करने का आदेश दिया था।  उच्च न्यायालय ने कहा था कि इन खाली पदों पर नियुक्ति न किए जाने के कारण सीआईसी के सामने शिकायतों का भंडार जमा हो गया है। उच्च न्यायालय के आदेश के बाद केवल एक पद भरा गया। उच्चतम न्यायालय ने सरकार से 553 आवेदनों पर विचार करने और नियुक्तियां करने का आदेश दिया है।
सीआईसी केन्द्र सरकार द्वारा अधिकृत संस्था है, जो सूचना का अधिकार(आरटीआई) कानून के तहत सूचना मांगने वालों की शिकायतों पर काम करती है। सीआईसी में एक मुख्य आयुक्त और दस सूचना आयुक्त होते है। वर्तमान में इसमें सात सूचना आयुक्त है। अदालत ने यह आदेश आरटीआई कार्यकर्ता आर के जैन, लोकेश के बत्रा और सुभाष चंद्र अग्रवाल की जनहित याचिका पर दिया है।

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