सत्तारूढ़ जनता दल यूनाईटेड के तारापुर से विधायक और बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर के तत्कालीन कुलपति डॉ. मेवालाल चौधरी के खिलाफ विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसरों की अवैध नियुक्ति एवं भवन निर्माण में अनियमितता बरतने के मामले में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया गया है। meva

 
जदयू के प्रदेश प्रवक्ता और विधान पार्षद संजय सिंह ने बताया कि कुलाधिपति एवं राज्यपाल रामनाथ कोविंद के आदेश पर इस मामले की जांच के लिए पटना उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति एस.एम.एम. आलम की अध्यक्षता में गठित कमिटी की रिपोर्ट के आधार पर श्री चौधरी के खिलाफ सबौर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गयी है। इस मामले में प्राथमिकी दर्ज किये जाने के बाद विधायक को पार्टी से निलंबित कर दिया गया है।
 

उल्लेखनीय है कि श्री चौधरी के खिलाफ सबौर थाना में दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि वर्ष 2011 में विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसरों की अवैध नियुक्ति और भवन निर्माण में करोड़ों रुपये का घोटाला किया गया है। विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसरों की नियुक्ति के लिए योग्य उम्मीदवारों से आवेदन आमंत्रित करने के लिए विज्ञापन प्रकाशित करवाया गया था लेकिन बाद में पाया गया कि नियुक्ति में व्यापक पैमाने पर अनियमितता बरती गई है। कुलाधिपति एवं राज्यपाल आदेश पर इस मामले की जांच के लिए पटना उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति की अध्यक्षता में एक कमिटी का गठन किया गया था। कमिटी की रिपोर्ट के आधार पर कुलाधिपति के प्रधान सचिव ने 17 फरवरी को श्री चौधरी के खिलाफ प्राथिमिकी दर्ज करने का आदेश निर्गत किया था।

By Editor