मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा कि मधुबनी जिले के सौराठ में अगले वर्ष जनवरी में मिथिला चित्रकला संस्थान का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। श्री कुमार ने विद्यापति स्मृति पर्व समारोह को संबोधित करते हुये बताया कि मधुबनी जिले के सौराठ में अगले वर्ष जनवरी में मिथिला चित्रकला संस्थान का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि इस संस्थान में लोग अध्ययन करेंगे, पेंटिंग सीखेंगे और एक जगह सबकुछ होने से नई पीढ़ी को प्रशिक्षण मिलने में सहुलियत होगी। इस संस्थान से चित्रकला में रुचि रखने वाले लोग साथ ही विशेषज्ञ लोग इससे जुड़ेंगे, जिससे इस कला का और भी विकास होगा। साथ ही मधुबनी में एक जगह किराए पर मकान लेकर कोर्स को प्रारंभ कर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में बिहार भवन, बिहार निवास और अब निर्माण होने वाले बिहार सदन में भी मधुबनी पेंटिंग की झलक देखने को मिलेगी। बिहटा में बनने वाले हवाईअड्डा टर्मिनल बिल्डिंग में मिथिला पेंटिंग की अद्भुत झलक होगी तो इसका ऊपरी भाग नालंदा विश्वविद्यालय के खंडहर के आकृति के रुप में दिखेगा। उन्होंने कहा कि पटना में बिहार की जो-जो खासियत है, जिन-जिन चीजों की पहचान है उसको प्रदर्शित करने की पूरी कोशिश हो रही है। मिथिला पेंटिंग बिहार की ही नहीं बल्कि पूरे देश की पहचान बन चुकी है।

श्री कुमार ने कहा कि बिहार के अनेक स्थानों पर मधुबनी पेंटिंग का प्रदर्शन किया जाता है लेकिन देश के विभिन्न हिस्सों के साथ-साथ विदेशों में भी मिथिला पेंटिंग को लोग काफी पसंद करते हैं। हाल ही में जापान यात्रा के दौरान उन्हें जानकारी मिली थी कि वहां मिथिला पेंटिंग का एक बड़ा सेंटर है। उन्होंने कहा, “राजदूत सुजन चिनॉय को ऐतिहासिक चीजों को अच्छी जानकारी है, उनसे मैंने कहा कि इस सेंटर का मुझे भ्रमण कराईये लेकिन व्यस्त कार्यक्रम एवं उस सेंटर का पहाड़ पर स्थित होने के कारण हम वहां नहीं जा सके। लेकिन, जहां पर हम ठहरे थे वहां पर पेंटिंग को मंगवाकर मुझे दिखाया गया। श्री टोक्यो हासेगावा ने मुझे विस्तृत रुप से इस पेंटिंग के बारे में जानकारी दी। मुझे बताया गया कि वर्ष 1988 मिथिला चित्रकार गंगा देवी ने मिथिला पेंटिंग के लिए यहां लोगों को प्रेरित किया था। मुझे जापान में मधुबनी पेंटिंग के प्रति इस तरह का लगाव देखकर बेहद प्रसन्नता और गौरव की अनुभूति हुई।”

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