लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने आज कहा कि जमीनी स्तर पर काम किये बगैर मात्र कुछ योजनाएँ बनाने और घोषणाएँ कर देने से विकास नहीं होगा। श्रीमती महाजन ने संसद भवन पुस्तकालय में कल होने वाले ‘विधि निर्माताओं के राष्ट्रीय सम्मेलन’ के बारे में जानकारी देने के लिए आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही। इस दो दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। यह पहला मौका होगा जब देश भर की विधानसभाओं और विधान परिषद के सदस्यों का इस तरह का सम्मेलन होने जा रहा है। इससे पहले पिछले साल महिला विधि निर्माताओं के सम्मेलन का आयोजन किया गया था।

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि उनका अपना अनुभव है कि योजनाएँ जमीनी स्तर पर पूरी तरह लागू नहीं हो पाती हैं। इसलिए इस बार सम्मेलन का मुख्य विषय “विकास के लिए हम” रखा गया है। उन्होंने कहा “विकास में कोई राजनीति नहीं होती। यह जनता के लिए होता है। सम्मेलन में इस बात पर चर्चा होगी कि विकास के लिए जन प्रतिनिधि कैसे काम करें। जब तक जमीनी स्तर पर काम नहीं होगा, यहां कुछ योजनाओं बनाकर और घोषणाएं कर विकास नहीं होगा।

सम्मेलन के दो मुख्य विषय होंगे – ‘विकास प्रक्रिया में विधि निर्माताओं की भूमिका’ और ‘विकास के लिए संसाधनों का समुचित इस्तेमाल। श्रीमती महाजन ने बताया कि सम्मेलन में विभिन्न राज्यों से करीब 175 जनप्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। हर विधानसभा से कम से दो महिला समेत छह-छह सदस्यों को बुलाया गया है, हालाँकि राज्यों के आग्रह पर इसमें छूट भी दी जा सकती है। विधान परिषदों से तीन-तीन सदस्यों को बुलाया गया है। आठ विधानसभाओं के पीठासीन अधिकारी भी इसमें हिस्सा लेने की पुष्टि कर चुके हैं।

श्रीमती महाजन ने बताया कि सम्मेलन की तैयारी के दौरान देश के विकास का खाका तैयार करने वाले नीति आयोग से भी चर्चा की गयी और उसकी अनुशंसा पर राज्यों से कहा गया है कि 101 चिह्नित आकांक्षी जिलों से प्रतिनिधियों को भेजने में प्राथमिकता दें। एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि उनकी दिली इच्छा है कि इस सम्मेलन का आयोजन नियमित रूप से हो।

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