राज्‍यपाल को अपना इस्‍तीफा सौंपने के बाद पहली बार मीडिया के सामने आईं पीडीपी नेत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जम्मू कश्मीर में बाहुबल की नीति नहीं चल सकती. उन्होंने कहा राज्य की इंटीग्रिटी, बेहतरी, पाकिस्तान से बेहतर रिश्ते के लिए मैंने उनके साथ सरकार बनायी. उन्होंने कहा जम्मू कश्मीर में ताकत वाली राजनीति नहीं चल सकती है. उन्होंने कहा कि हमने अपनी ओर से युद्ध विराम करा कर पूरी कोशिश की.

नौकरशाही डेस्‍क

महबूबा के अनुसार, लोगों मिजाज के खिलाफ हमने बड़े मकसद के लिए भाजपा से हाथ मिलाया था. जम्मू कश्मीर से हम दुश्मन राज्य की तहत व्यवहार नहीं कर सकते इसी लिए हमने सीजफायर करवाया, जिसका लोगों ने समर्थन किया. सालों बाद जम्मू कश्मीर के लोग इत्मिनान से रह रहे थे. हमने यह गठबंधन ताकत के लिए नहीं किया था, ताकत के लिए किया होता तो उमर अब्दुल्ला और कांग्रेस हमें समर्थन देने के लिए तैयार थे. मैंने पहले ही साफ किया था कि 370 से छेड़छाड़ नहीं होगी, हमने तीन साल इसके लिए पूरी कोशिश की.

महबूबा ने ये भी कहा कि वे सरकार बनाने के लिए किसी का समर्थन नहीं लेंगी. उधर, सरकार गिरने की खबर के बाद नेशनल कान्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने राज्यपाल एनएन बोहरा से मुलाकात की. बाद में उन्‍होंने महबूबा मुफ्ती को समर्थन देने से इनकार कर दिया है. उमर अब्दुल्ला ने कहा मुझे इस फैसले को बिल्कुल भी आश्चर्य नहीं है लेकिन इसकी टाइमिंग को लेकर हमें आश्चर्य है.  ऐसे में जम्‍मू – कश्‍मीर में राज्‍यपाल शासन लगना तय है. फिलहाल 87 सदस्यीय विधानसभा में पीडीपी के पास 28 विधायक हैं व नेशनल कांफ्रेंस के पास 15 विधायक हैं.

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