नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल में मंत्री निहालचंद मेघवाल यौन शोषण के आरोपों में घिरे हैं. पीड़िता ने उनके खिलाफ कार्रवाई और उनके इस्तीफे की मांग की है. जानिए क्या है मामला और कैसा है उनका राजनीतिक सफर

निहाल चंद के पिता भी विधायक थे
निहाल चंद के पिता भी विधायक थे

मेघवाल राजस्थान के एक मात्र सांसद हैं जिन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह दी गयी है. वह रसायन एंव उर्वरक मंत्री हैं.

मंगलवार को राजस्थान के गंगानगर में प्रेस कॉफ्रेंस में 20 वर्षीय पीड़िता ने कहा, ‘निहालचंद को तुरंत अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए. मैं खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर अपनी आपबीती सुनाना चाहती हूं’. मामले की सीबीआई जांच की मांग करते हुए पीड़िता ने दोहराया, ‘मैं चाहती हूं इस केस की जांच सीबीआई करे. साल 2011 में केस को प्रभावित किया गया था.

मामला

मामला तीन साल पुराना है जब पीड़िता करीब 16 साल की थी. लड़की के मुताबिक उसका पति ओमप्रकाश गोडरा खाने में नशीली चीजें मिलाता था और उस पर दूसरे पुरुषों के साथ संबंध बनाने का दबाव बनाता था. उसने यह भी आरोप लगाया कि उसके पति  उसका अश्लील वीडियो बनाया करता था. ओमप्रकाश बीजेपी कार्यकर्ता है. वह राजस्थान बीजेपी युवा मोर्चा का सदस्य है.

साल 2011 में पीड़िता ने कोर्ट का रुख किया और मौजूदा केंद्रीय मंत्री निहाल चंद को आरोपी बनाया. इसमें उसके पति समेत 18 लोगों के नाम हैं.

हालांकि पुलिस की जांच में तमाम आरोप बेबुनियाद पाए गए. साल 2014 की शुरुआत में कोर्ट ने भी पुलिस की ओर से दाखिल क्लोजर रिपोर्ट का समर्थन किया जिसके बाद महिला ने कोर्ट में पुनरीक्षण याचिका दायर की.

. इस मामले में 20 अगस्त को सुनवाई होगी. रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री निहालचंद मेघवाल ने अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि उनके खिलाफ राजनीतिक साजिश रची जा रही है. उन्होंने कहा, ‘सच्चाई सभी को पता है, मुझे सफाई पेश करने की कोई जरूरत नहीं है’.

निहालचंद मेघवाल का जन्म 4 फरवरी 1971 को हुआ था. वह राजस्थान के श्रीगंगा नगर लोकसभा क्षेत्र से चार बार सांसद चुने गये. वह निहाल चौहान के नाम से राजस्थान में जाने जाते हैं. वह अनुसूचित जाति के मेघवाल समाज से आते हैं. मेघवाल के पिता बेगा राम स्वतंत्र पार्टी से विधायक थे.

निहालचंद मेघवाल ने मात्र 25 साल की उम्र में पहली बार 1996 में सांसद चुने गये थे.

निहालचंद पर इस्तीफे का दबाव बढ़ता जा रहा है. सुशासन के नारे से सरकार बनाने वाले नरेंद्र मोदी के लिए निहालचंद गले की फांस बनते जा रहे हैं. वहीं भाजपा ने राजस्थान में भारी जीत की थी और निहाल एक मात्र सांसद हैं जिन्हें केंद्र में मंत्री बनाया गया था.

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