देश में एक समान कर ढांचा लागू करने वाली वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था लागू करने में महत्वपूर्ण मानी जा रही जीएसटी परिषद की आज नई दिल्‍ली में हो रही बैठक में कर दर, उपस्कर और अन्य मुद्दों पर चर्चा हो रही है। jeke

 

केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में हो रही यह बैठक दो दिन तक चलेगी। संसद के शीतकालीन सत्र से लगभग दो सप्ताह पहले हो इस बैठक कई महत्वपूर्ण मुददों पर निर्णय लिया जाना है, जिनपर केंद्रीय जीएसटी और एकीकृत जीएसटी संबंधी विधेयकों का मार्ग प्रशस्त होगा। बैठक में जीएसटी लागू होने के बाद आने वाली विसंगतियों पर भी चर्चा होगी। उद्योग जगत ने दूरसंचार, तंबाकू, कपड़ा, पर्यटन और खाद्य प्रसंस्करण जैसे क्षेत्रों में विसंगतियों का उल्लेख किया है।

 

इस बैठक में सरकार का जोर दोहरे नियंत्रण और कर की दर जैसे अहम मुद्दों पर रहेगा। सरकार चाहती है कि शीतकालीन सत्र से पहले राज्यों के साथ ज्यादा से ज्यादा मुद्दों पर सहमति बना ली जाए।

सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार चार स्तरीय छह , 12, 18 और 26 प्रतिशत कर ढांचें का प्रस्ताव कर सकती है, जिसमें जरूरी सामानों पर छह प्रतिशत, खाद्य प्रसंस्करण 12 प्रतिशत, सामान्य वस्तुओं पर 18 प्रतिशत और विलासिता वस्तुओं 26 प्रतिशत कर लगाने का प्रस्ताव है।
जीएसटी परिषद में सभी राज्यों वित्त मंत्री शामिल हैं।

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