पुराना सचिवालय स्थित सभागार में ‘नेशनल मिशन ऑन जेम’ का औपचारिक शुभारंभ करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि सचिवालय और उससे जुड़े विभागों में खरीद के लिए जेम (GeM) की शुरूआत अप्रैल में की गई थी। फिलहाल बिहार में जेम पोर्टल पर 1239 बिक्रेता निबंधित हैं तथा विभिन्न विभागों की ओर से अब तक 46.7 करोड़ की खरीद की गई है और करीब 50 करोड़ की खरीद प्रक्रियाधीन है।

आईजी प्रोविजन, के के सिंह ने क्रेता के तौर पर अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि पुलिस विभाग ने जेम के जरिए छह करोड़ रुपये के वाहन की खरीद की है जिसमें प्रति वाहन जहां 75 हजार रुपये तक की बचत हुई वहीं 20 दिन से एक महीने के अंदर आपूर्ति और भुगतान की सारी प्रक्रिया पूरी कर ली गई। वहीं कृष्णा एजेंसी के नवीन गुप्ता ने बिक्रेता के रूप में अपना अनुभव बताते हुए कहा कि जेम पोर्टल के जरिए सामान की आपूर्ति की प्रक्रिया काफी सरल और पारदर्शी है। पिछले छह महीने में उन्होंने बिना किसी भागदौड़ के अपने ऑफिस में बैठ कर करीब 70 लाख का आपूर्ति आदेश प्राप्त किया। भुगतान भी नियत समय पर हो जा रहा है।

मोदी ने कहा कि बदलाव को स्वीकार करने की जरूरत है। यह जमाना ऑनलाइन का है। 2017 में मेट्रो में जहां 3.60 करोड़ लोगों ने ई-कॉमर्स का उपयोग किया वहीं टीयर टू के शहरों में ऑनलाइन खरीद करने वालों की संख्या 3.70 करोड़ रही। शहरों में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या 29 करोड़ है तो ग्रामीण क्षेत्रों में 18 करोड़ है जबकि शहरी इंटरनेट उपभोक्ताओं की संख्या में 9 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में ग्रामीण उपभोक्ता की वृद्धि दर 13 प्रतिशत है।

उन्होंने कहा कि जेम के अंदर किसी आपूर्तिकर्ता द्वारा ऑर्डर स्वीकार करने के बाद आपूर्ति से इनकार करने पर उसे ब्लैकलिस्ट करने, निजी खरीद की भी सुविधा देने, साइबर क्राइम और फर्जीवाड़ा रोकने के लिए फ्रॉड इंटेलिजेंस मैकनिज्म आदि का प्रावधान होना चाहिए।
जेम के एडिशनल सीईओ सुरेश कुमार ने पीपीपी के जरिए जेम के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम में वित्त विभाग के प्रधान सचिव सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

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