जीएसटी कौंसिल की 20 वीं बैठक शनिवार को नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में सम्पन्न हुई जिसमें झाड़ू पर लगे 5 प्रतिशत जीएसटी को घटा कर शून्य व मिट्टी से बनी हुई मूर्ति पर 28 प्रतिशत से घटा कर 5 फीसदी जीएसटी लगाने का निर्णय लिया गया। उपमुख्यमंत्री सह वित्तमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बताया कि इसी प्रकार अगरबत्ती, हवन सामग्री, साड़ी फॉल पर 12 से घटा कर 5 प्रतिशत टैक्स किया गया। रबड़ बैंड, कम्पयूटर के 20 इंच तक के मॉनिटर और ट्रैक्टर के कुछ विशेष चिन्हित पार्ट्स, गैस लाइटर पर 28 से घटा कर 18 प्रतिशत जीएसटी किया गया। इसके अलावा मानव निर्मित यार्न से जुड़े जॉब वर्क पर लगने वाले जीएसटी को घटा कर 5 प्रतिशत कर दिया गया। 

मिट्टी की मूर्तियों पर 28 के बजाय  लगेगा 5 फीसदी जीएसटी:  सुशील मोदी

 

श्री मोदी ने बताया कि बैठक में खादी के कपड़ा और उससे बने पोशाक को कर मुक्त करने, जीएसटी की धारा 9 (4) रिवर्स चार्ज को हटाने व जीएसटी लागू होने के पूर्व दूसरे राज्यों से माल मंगा कर रखने वाले व्यावसायियों को कम्पोजिंग स्कीम से वंचित करने की शर्त को हटाने की मांग की गई। उन्होंने बताया कि कम्पोजिंग स्कीम 75 लाख तक के सालाना टर्न ओवर वाले छोटे व्यापारियों को राहत देने के लिए लाया गया मगर उक्त शर्त के कारण इसके दायरे में काफी कम व्यावसाई आ सके हैं। इसके अलावा कपड़ा व्यवसायियों की कठिनाइयों को भी बैठक में उठाई गई क्योंकि इसके पहले वैट के दौरान वे कर दायरे से बाहर थे।
कौंसिल की बैठक में निर्णय लिया गया कि एक लाख से कम के माल की ढुलाई के लिए किसी प्रकार की परमिट की आवश्यकता नहीं होगी। बिहार में पहले 10 हजार तक के माल की ढुलाई पर यह छूट थी, जीएसटी लागू होने के बाद इसे बढ़ा कर 50 हजार किया गया था मगर आज की बैठक एक लाख तक के माल की ढुलाई के लिए ई-वे बिल की जरूरत को खत्म कर दिया गया है। 
बैठक में श्री मोदी ने सड़क निर्माण, पेयजल आपूर्ति, सिंचाई और ड्रेनेज आदि के वर्क्स कान्ट्रैक्ट पर जीएसटी के तहत लगने वाले 18 प्रतिषत टैक्स का घटा कर  करने का सुझाव दिया। श्री मोदी ने कहा कि जीएसटी से पहले इनके लिए 8 से 11 प्रतिशत ही टैक्स देना पड़ता था। बैठक में मुनाफाखोरी ( Anti Profiteering) रोकने के लिए केन्द्र और राज्य के अधिकारियों की एक समिति बनाने पर भी सहमति बनी।

By Editor