सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री मनीष तिवारी ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में बताया कि टीवी चैनलों पर प्रसारित होने वाले सभी कार्यक्रमों एवं विज्ञापनों में दिखाये जाने वाले किसी भी तथ्य की मॉनिटरिंग अंतरमंत्रालय समिती करती है और जरूत पड़ने पर वह कार्रवाई की अनुसशा करती है.

उन्होंने कहा कि इसके लिए केबल टीवी नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम, 1995 और उसके अधीन बनाए गए नियमों के अंतर्गत विनिर्धारित पहले से विद्यमान कार्यक्रम और विज्ञापन संहिताओं का अनुपालन करना होता है.

कार्यक्रम और विज्ञापन संहिताओं के उल्लंघन की जांच के लिए अंतर-मंत्रालयीय समिति में गृह मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, विधि मंत्रालय, महिला व बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, उपभोक्ता मामले मंत्रालय और भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (एएससीआई) के प्रतिनिधि होते हैं. अंतर-मंत्रालयीय समिति की बैठकों में उल्लंघनों के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की जाती है. सरकार ने भी 24 घंटे निजी सैटेलाइट टेलीविजन चैनलों पर प्रसारित होने वाली विषय-वस्तु की मॉनीटरिंग के लिए इलेक्ट्रोनिक मीडिया मॉनीटरिंग केन्द्र (ईएमएमसी) की भी स्थापना की है.

तिवारी ने कहा कि केबल नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम, 1995 और उसके अंतर्गत बनाए गए नियमों के प्रावधान क्षेत्रीय भाषा चैनलों सहित सभी निजी सैटेलाइट/केबल टीवी चैनलों पर लागू होते हैं. इसके अतिरिक्त, सरकार ने पूरे देश में राज्य स्तर और जिला स्तर की मॉनीटरिंग समितियां गठित की हैं जो निजी सैटेलाइट/केबल टेलीविजन चैनलों में प्रसारित विषय-वस्तु की मॉनीटरिंग करती है. अभी तक केन्द्रशासित प्रदेशों सहित 21 राज्य स्तरीय मॉनीटरिंग समितियां और 274 जिसा स्तरीय मॉनीटरिंग समितियां देश भर में गठित की जा चुकी हैं.

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