उत्तर प्रदेश में आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर ने जिले से अभिसूचना विभाग में होने वाली नियुक्तियों के सम्बन्ध में कथित भ्रष्टाचार और उसमे डीआईजी अभिसूचना अरुण कुमार गुप्ता की विशेष भूमिका की जांच कराये जाने हेतु प्रमुख सचिव गृह देबाशीष पांडा को पत्र लिख कर निवेदन किया है.

परवेज आलम, लखनऊ से

श्री ठाकुर ने कहा है कि 16 अक्टूबर 2014 को कई आरक्षीगण को अभिसूचना में ट्रांसफर किया गया और इसके अगले दिन ही उनमे 60 आरक्षी के ट्रान्सफर निरस्त कर दिए गए.

फिर 27 अक्टूबर को पूर्व के 63 आरक्षी के अभिसूचना में हुए ट्रान्सफर निरस्त किये गए पर 23 नवम्बर के आदेश द्वारा इन दोनों आदेश को पुनः बदलते हुए इन सभी 123 आरक्षीगण को फिर से अभिसूचना विभाग में ले लिया गया, जो स्वतः संदेह पैदा करते हैं.

श्री ठाकुर ने इसके अलावा एक आरक्षी पति-पत्नी का उदाहरण भी बहुत विस्तार में दिया है जिन्होंने पैसा नहीं देने के कारण उत्पीड़ित किये जाने और महिला आरक्षी को डीआईजी श्री गुप्ता द्वारा यौन शोषण का आरोप लगाया गया है.

पुरुष आरक्षी ने इस मामले में व्हिसलब्लोवर बन कर सारे साक्ष्य सामने लाने की भी बात कही है, जिसपर श्री ठाकुर ने पति-पत्नी की पूरी सुरक्षा करते हुए मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है.

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