उच्चतम न्यायालय ने पुलिस महानिदेशकों (डीजीपी) की नियुक्ति से संबंधित अपने पूर्व के आदेश में संशोधन का अनुरोध बुधवार को ठुकरा दिया। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने पंजाब, केरल, पश्चिम बंगाल, हरियाणा और बिहार की संबंधित याचिकाएं खारिज कर दी। ये राज्य डीजीपी के चयन एवं नियुक्तियों के संबंध में शीर्ष अदालत के पिछले आदेश में संशोधन चाहते थे।

शीर्ष अदालत ने यह कहते हुए याचिकाएं खारिज कर दी कि डीजीपी की नियुक्तियों के संबंध में उसका पूर्व का आदेश जनहित में जारी किया गया था, ताकि पुलिस अधिकारियों को राजनीतिक हस्तक्षेप से बचाया जा सके। गौरतलब है कि न्यायालय ने इस मामले में संघ लोकसेवा आयोग (यूपीएससी) के सचिव को व्यक्तिगत रूप से आज पेश होने का कल ही आदेश जारी किया था।

पंजाब और हरियाणा के डीजीपी क्रमश: सुरेश अरोरा और बी एस संधू गत वर्ष 31 दिसम्बर को सेवानिवृत्त होने वाले थे, लेकिन न्यायालय ने उन्हें एक माह का सेवा विस्तार दिया था। उनका विस्तारित कार्यकाल 31 जनवरी को समाप्त हो रहा है।

विभिन्न राज्य गत वर्ष तीन जुलाई को शीर्ष अदालत की ओर से जारी दिशानिर्देशों में संशोधन की मांग कर रहे हैं, जिसके तहत डीजीपी की नियुक्तियों में यूपीएससी के सहयोग को अनिवार्य बनाया गया है। ये राज्य सरकारें पुलिस प्रमुखों के चयन एवं इनकी नियुक्तियों में स्थानीय कानूनों के क्रियान्वयन की मांग कर रही हैं।

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