स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने आज स्वीकार किया कि राज्य में चिकित्सकों की कमी है लेकिन सरकार इसे दूर करने के लिए लगातार प्रयत्नशील भी है ।  श्री पांडेय ने विधानसभा में राष्ट्रीय जनता दल के अख्तरूल इस्लाम शाहीन के अल्पसूचित प्रश्न के उत्तर में कहा कि पूरे देश में आबादी के अनुपात में चिकित्सकों की भारी कमी है । पूरे देश में वर्ष 2017 तक दस लाख पंजीकृत चिकित्सक हैं, वहीं बिहार में यह संख्या वर्ष 2016 तक 4043 है ।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वर्तमान में सरकारी चिकित्सकों की संख्या मेडिकल कॉलेज सहित छह हजार 830 है । इस प्रकार वर्ष 2018 की अनुमानित जनसंख्या 12 करोड़ सात लाख 86 हजार 594 के विरूद्ध चिकित्सक जनसंख्या अनुपात 17 हजार 685 है । उन्होंने कहा कि सरकार चिकित्सकों की कमी को दूर करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। बिहार लोक सेवा आयोग से प्राप्त अनुशंसा के आधार पर वर्ष 2016 में 1805 सामान्य चिकित्सा पदाधिकारी और 665 विशेषज्ञ चिकित्सा पदाधिकारियों की नियुक्ति तथा पदस्थापन विभाग स्तर से किया गया है ।

श्री पांडेय ने कहा कि इसके अतिरिक्त राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत विशेषज्ञ चिकित्सकों और राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत चिकित्सकों को संविदा पर नियोजित कर पदस्थापित किया जा रहा है । इसके साथ ही विभाग स्तर से भी अनुबंध के आधार पर चिकित्सा पदाधिकारियों और विशेषज्ञ चिकित्सा पदाधिकारियों के नियोजन के लिए निर्देश दिये गये हैं।

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