जद यू के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री तस्लीमुद्दीन ने नीतीश कुमार के खिलाफ बगावत का झंडा उठाते हुए कहा है कि उनमें हिम्मत है तो उन्हें पार्टी से निकाल कर दिखायें. उन्होंने कहा वह विकास पुरुष नहीं बल्कि ढोंग करने वाले इंजीनियर हैं, बस.

तस्लीमुद्दीन ने दो साल पहले लालू का साथ छोड़ा था

अररिया पत्रकारों से बातचीत करते हुए तस्लीमुद्दीन ने कहा , ‘ नीतीश कुमार बिहार में विकास का ढोंग कर रहे हैं. वह विकास पुरुष नहीं हैं केवल इंजीनियर हैं जो लोगों को झांसा देकर ठग रहे हैं.’

बगावती तेवर दिखाते हुए जदयू नेता ने कहा , ‘ जनता अब समझदार हो गयी है वह नीतीश कुमार के झांसे में नहीं आ रही है. मुख्यमंत्री जहां जाते हैं सभाओं में उनके खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं. सभाओं में जूते दिखाये जा रहे हैं. नीतीश कुमार को दोबारा सत्ता में लौटने का हक नहीं है. ’

पिछले कुछ दिनों से राजग की दोनों पार्टियों के शीर्ष नेताओं के खिलाफ बगावती तेवर दिखाने की गति तेज हो गई है. भाजपा सांसद उदय सिंह ने भी अपनी पार्टी को चुनौती दी थी जबकि जद यू के विधायक छेदी पासवान भी नीतीश के खिलाफ कड़े तेवर अपना चुके हैं.

तस्लीमुद्दीन ने कहा मैं जब लालू के साथ था तब उनके सामने कभी नहीं गिड़गिड़ाया तो ये नतीश क्या हैं. उन्होंने बिहार के सीमांचल क्षेत्र किशनगंज, अररिया, कटिहार और पूर्णिया के विकास कार्य में नीतीश सरकार पर उपेक्षा करने का आरोप लगाया और कहा , ‘ मैं सीमांचल के विकास के लिए जदयू में आया था. नीतीश कुमार सीमांचल की उपेक्षा कर रहे हैं. केंद्र में मंत्री रहते हुए मैंने सीमांचल के लिए 700 करोड रुपये की महानंदा बेसिन परियोजना को मंजूरी दिलाई. इस से सीमांचल का भविष्य संवर सकता था. पर इस सरकार ने इस क्षेत्र की उपेक्षा की है.

उन्होंने आरोप लगाया , ‘ नीतीश सरकार के कार्यकाल में नौकरशाही और भ्रष्टाचार का बोलबाला है. आम लोग भ्रष्ट अधिकारियों के कारण त्रस्त हैं. केंद्र से मिलने वाली राशि में लूट मची हुई है. ’

एक समय राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के खासम खास रहे तस्लीमुद्दीन मई 2010 में जदयू में शामिल हुए थे. पार्टी ने इसका इनाम देते हुए उनके पुत्र सरफराज आलम को बिहार विधानसभा चुनाव में अररिया के जोकीहाट निर्वाचन क्षेत्र से टिकट दिया था.

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