बिहार विधान सभा चुनाव के तीसरे चरण के मतदान से लालू यादव का राजनीतिक भविष्‍य जुड़ा हुआ है। 2009 में पाटलिपुत्र से लोकसभा चुनाव में उन्‍हें हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद वे लगातार हार का सामना कर रहे हैं। हालांकि 2009 में वे सारण सीट से लोक सभा पहुंचने में सफल रहे थे। लेकिन दुर्भाग्‍य यह रहा कि कोर्ट ने एक मामले में उन्‍हें सजा सुना दी। इस कारण उनकी लोक सभा सदस्‍यता समाप्‍त हो गयी थी।  lalusons

वीरेंद्र यादव

 

2010 के विधान सभा चुनाव में राबड़ी देवी राघोपुर व सोनपुर दोनों सीटों से हार गयी थीं। 2014 के लोकसभा चुनाव में राबड़ी देवी सारण और मीसा भारती पाटलिपुत्र में चुनाव हार गयी थीं। इन पराजयों के बीच वर्तमान विधान सभा चुनाव में लालू यादव अपनी वापसी की संभावना तलाश रहे हैं। उनके दोनों पुत्र चुनाव मैदान में हैं। राघोपुर से तेजस्‍वी यादव और महुआ से तेजप्रताप यादव चुनाव लड़ रहे हैं और दोनों सीटों पर तीसरे चरण में 28 अक्‍टूबर को मतदान हो रहा है।

 

प्रतिष्‍ठा का सवाल

यही वजह है कि तीसरे चरण के मतदान को लालू यादव के राजनीतिक अस्तित्‍व व भविष्‍य से जोड़ कर देखा जा रहा है। कल का मतदान नीतीश कुमार के भविष्‍य से ज्‍यादा लालू यादव का भविष्‍य तय करेगा। लालू यादव ने नीतीश कुमार को सीएम का उम्‍मीदवार भले घोषित किया हो, लेकिन वे नयी सरकार में अपने पुत्रों की भूमिका को कम करने के आंकने को तैयार नहीं हैं। वे मानते हैं कि सत्‍ता का सूत्र पुत्रों के सहारे ही उनके हाथों में होगा। यही कारण है कि लालू यादव, राबड़ी देवी और मीसा भारती के साथ राजद का पूरा कुनबा और जदयू का एक खेमा राघोपुर व महुआ में पूरी ताकत लगा रखा है। सभी को सकारात्‍मक परिणाम की ही अपेक्षा है।

दीघा के वोटर हैं दोनों

तेजस्‍वी और तेज प्रताप दोनों दीघा विधान सभा क्षेत्र की बूथ संख्‍या 150 के वोटर हैं। तेजस्‍वी यादव का वोट क्रमांक 605 है, जबकि तेज प्रताप यादव का वोट क्रमांक 31 है। यह बूथ मध्‍य विद्यालय वेटनरी कॉलेज कैम्‍पस में है।

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