पटना के कालिदास रंगालय में उमेश कुँवर ‘कवि’ द्वारा लिखित पुस्तक “शूद्रों का त्रिकाल” का लोकार्पण प्रो0 एन के चौधरी, लेखक एवं रिटायर्ड आई ए एस जिया लाल आर्य, लेखक प्रेम कुमार मणि , सीटू (CITU) नेता अरुण मिश्रा ,  सुप्रसिद्ध चिकित्सक डॉ सत्यजीत और  सामाजिक कार्यकर्ता पार्थ सरकार के द्वारा सोमवार को किया गया ।
इस कार्यक्रम का आयोजन सांस्कृतिक संगठन ‘ अभियान सांस्कृतिक मंच’, पटना द्वारा किया गया। लोकार्पण स्मारोह में बड़ी संख्या में रंगकर्मी,  बुद्धीजीवी, सामाजिक कार्यकर्ता, प्रशासनिक पदाधिकारी आदि मौजूद थे।
पुस्तक लोकार्पण के मुख्य अतिथि जिया लाल आर्य ने कहा कि ” आज भी दलित समाज, महादलित समाज के लोग भेद भाव के शिकार है। यह पुस्तक  ‘ शूद्रों का त्रिकाल’   ” इन समाज के लोगों का मानसिक स्तर को ऊपर उठाने के साथ साथ ही समतामूलक समाज बनाने की वकालत करता है।  साथ ही दलितों के अंदर के डर को निकाल अपने अधिकारों की लड़ाई हेतु प्रोत्साहित करता है।”
पटना के सुप्रसिद्ध डॉ सत्यजीत ने कहा ” आज के समय मे  शुद्र वहीं है जो विचारों से है। जिनके पास सामंती सोच के साथ जी रहे है वो ही आज के शुद्र है। इसके लिए हमे प्रणाम करने बजाए हमें हाथमिलाने  और गला मिलाने की परंपरा को बढ़ावा देना होगा। जिससे एक विकसित देश का निर्माण हो सके।”
        शूद्रों का त्रिकाल पुस्तक का लोकार्पण करते हुए ‘कम्युनिस्ट सेंटर ऑफ़ इंडिया ‘ के पार्थ सरकार ने कहा कि  ” इस जातिवादी व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव की जरुरत है। हमे एक वैसी व्यवस्था बनाना है जिसमे श्रम करने वालों की इज्जत हो। इसके लिए हमे भारत भर में चल रहे दलित आंदोलन में एक समन्यव बनाना होगा जिससे समाज मे क्रांतिकारी परिवर्तन हो सके।”
     हिंदी के सुप्रसिद्ध साहित्यकार प्रेम कुमार मणि ने पुस्तक लोकार्पण करते हुए कहा कि ” यह पुस्तक दलितों में हलचल पैदा करेगा जिससे वास्तविक रूप से समाज मे लोकतंत्र की स्थापना हो सके। महात्मा फुले ने किसानों को संगठित किया। वे चाहते थे कि समाज के जकड़न को खत्म किया सके।
हिंदी के तमान संतो ने जाती विहीन समाज बनाने के लिए काम किया। और ब्राह्मणों के द्वारा तैयार गुलाम मानसिकता से लोगों को छुटकारा मिल सके। आज साम्प्रदायिक शक्तियों ने गांधी के चश्मे को लेकर स्वच्छता अभियान में इस्तेमाल कर लिया। लेकिन ये लोग नेहरू को कलंकित करने का  प्रयास कर रहे है।”  मणि जी इस पुस्तक के लेखक को बधाई देते हुए कहा कि ” आज के दौर में हमे शुद्रों के इतिहास पर और काम करने की जरूरत है।”
          लोकार्पण समारोह की अध्यक्षता करते हुए प्रो० एन के चौधरी ने कहा कि ” उमेश कुँवर की पुस्तक शूद्रों का त्रिकाल समाज मे सार्थक हस्तक्षेप करती है जिससे प्रगतिशील आंदोलनों को बढ़ावा मिलेगा।”
 अभियान सांस्कृतिक मंच द्वारा आयोजित इस लोकार्पण समारोह को सीटू ने  अरुण मिश्रा शशिकांत जी , मानवाधिकार कार्यकर्ता जौहर और  शैलेन्द्र शर्मा त्यागी ने भी सम्बोधित किया।
मौके पर शिक्षाविद गालिब,अनिल कुमार राय,अनीश अंकुर ,गौतम, हसन इमाम ,नन्दकिशोर, सतीश  कुमार, कुलभूषण गोपाल, गालिब खान, नवेन्दु, सचिन ,  विवेक, बालगोविन्द सिंह, अवधेश , मृत्युंजय शर्मा,  ,अमित कुमार, कुणाल, गौतम गुलाल,  सहित कई लोग उपस्थित थे।
कार्यक्रम का संचालन रंगकर्मी जयप्रकाश ने किया।

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