लोकतांत्रिक जनपहल के नेता व कार्यकर्ताओं ने रविवार को पटना में नंदंनगांव में दलितों पर पुलिस अत्याचार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने रोकने की कोशिश की लेकिन अपने इरादों पर अटल प्रदर्शनकारियों ने खूब नारेबाजी की.

प्रदर्शनकारी अपने हाथों में बीस से ज्यादा नारों की तख्तियां लिये थे जिसमें ‘नंदनगांव के दलितों पर अत्याचार दलित विरोधी है नीतीश सरकार’, ‘नशाबंदी में पुलिस-अफसर नेता का मेल, दलित पिछड़ों को भेजो जेल’ जैसे नारे लिखे थे.

गौरतलब है कि पिछले दिनों बक्सर के नंंदनगांव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की विकास समीक्षा यात्रा के दौरान उनके काफिला पर पत्थरबाजी हुई थी. इस घटना के बाद पुलिस ने दो सौ लोगों के खिलाफ एफआईआर किया था. मीडिया खबरों के अनुसार पुलिस ने दर्जनों घरों में घुस कर दलितों को बेरहमी से पीटा था. इस घटना के विरोध में लोकतांत्रिक जनपहल ने यह प्रदर्शन किया.

प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे सत्यनारायण मदन ने बताया कि जुलूस गांधी मैदान के समीप जेपी मूर्ति से आगे बढ़ा तो पुलिस ने रोकने की कोशिश की लेकिन बाद में उसने जुलूस का आगे बढ़ने दिया लेकिन जल्द ही टाउन डीएसपी ने आ कर जुलूस को रोकना चाहा लेकिन प्रदर्शनकारी आगे बढने पर अडिग थे. बाद में काफी कहासुनी के बाद जुलूस डाकबंगाला चौराहे तक पहुंचा.

प्रदर्शन का नेतृत्व कर रही कंचन बाला ने कहा कि नीतीश सरकार ने दलितों पर जुल्म और अत्याचार की पराकाष्ठा की है. नीतीश कुमार एक मिनट भी अपने पद पर रहने का अधिकार खो चुके हैं.

इस प्रदर्शन में अशोक कुमार, रणविजय, कपिलेश्वर, प्रदीप प्रियदर्शी, सुनिता, असरफी सदा, फादर एंटो, प्रवीण मधु व फ्लोरीन समेत अनेक लोग मौजूद थे.

 

 

 

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