6 वर्षों से जारी तेजस्वी यादव के “दिल की बात” शृंखला

17 वर्षों की NDA सरकार के कारण आज बिहार किसी दोराहे या चौराहे पर नहीं खड़ा है अपितु पूर्णतः दिशाहीन, लक्ष्यहीन, प्रवाहहीन और प्रभावहीन हो चुका है। डबल इंजन की सिद्धांतहीन अवसरवादी सरकार बिहार की हर संभावना को दबोचकर बैठ गई है।

बेरोजगारी की समस्या आसमान छू रही है। एक तरफ बिहार का युवा हताश, निराश व परेशान है तो दूसरी तरफ डबल इंजन सरकार का सरकारी नौकरियाँ समाप्त करना ही एकमात्र उद्देश्य है। डबल इंजन सरकार 19 लाख नौकरियों का वादा पूरा क्यों नहीं कर रही है?

भ्रष्टाचार, अफसरशाही, महंगाई, बेरोजगारी, गऱीबी एवं बदहाल शिक्षा, स्वास्थ्य और कानून व्यवस्था से बिहारवासी क्या कम परेशान थे कि सरकार के घटक दल, मंत्री और नेता प्रतिदिन आपस में लड़ने-झगड़ने में व्यस्त और मस्त है?

बिहार के सत्तारूढ़ दलों का आपसी झगड़ा राज्य हित में नहीं बल्कि व्यक्तिगत हितों को लेकर है जिससे केवल और केवल जनता और बिहार का नुक़सान है। बिहार ने इन्हें 40 में से 39 लोकसभा सांसद दिए अगर इनमें राज्यहित की भावना, नैतिकता और जज़्बा होता तो बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा और विशेष पैकेज जैसे अहम मुद्दों के लिए क्या ये केंद्र सरकार से नहीं लड़ते?

विशेष राज्य का दर्जा, बिहार के लिए विशेष पैकेज, लगातार बढ़ता पलायन, बिहार में उद्योग धंधों की कमी और बेरोजगारी को भाजपा बस चुनावी मुद्दे के तौर पर इस्तेमाल करती हैं लेकिन सत्ता में आते ही ये ज्वलंत मुद्दे भूल जाते है और ध्यान भटकाने के लिए अपनी नूराकुश्ती में लग जाते हैं। ये अपने 17 वर्षों का रिपोर्ट कॉर्ड जारी क्यों नहीं करते?

अग्निपथ योजना लागू करने के कारण सैन्य बलों का गर्व से हिस्सा बनने वाले युवाओं से उनका उनका आत्मसम्मान, गौरव और आत्मविश्वास छिना जा रहा है। उन्हें अपनी जान जोखिम में डालकर ठेके पर नौकरी करने वाला, एक गऱीबी से मजबूर और विकल्पों से हताश 4 साल का मजदूर बना देगा जिसका ना कोई गौरवशाली इतिहास होगा और ना ही कोई सुनिश्चित भविष्य।

दुख की बात है कि बिहार के करोड़ों युवा जिस अनदेखी और सामाजिक असुरक्षा से भरे अग्निपथ एवं बेरोजगारी का विरोध कर रहे हैं उसका भाजपा के नेता उपहास उड़ा रहे है।

एनडीए, संघ और भाजपा के शीर्षस्थ नेता नहीं चाहते कि बिहार एक समृद्ध सूबा बने। जनसंख्या, भूगोल और लोकसभा में बिहार से कम सीटों वाले छोटे प्रदेशों में विकास कार्यों के लिए बिहार से अधिक राशि आवंटित की जाती है और बिहार के 39 लोकसभा सांसद गूँगे-बहरे और अंधे बनकर बैठे रहते है। पूरे देश में बिहार सबसे युवा प्रदेश है यहाँ की 60 फ़ीसदी आबादी युवाओं की है। बिहार और बिहार का युवा अब गांधीनगर, नागपुर और दिल्ली के आगे नहीं झुकेगा। कम सीट वालों को 40 लोकसभा सीट वाले बिहारियों का वर्तमान और भविष्य बर्बाद नहीं करने देंगे।

जय बिहार, जय भारत, जय हिंद।

By Editor